सूसाइड नोट के चार पेज इंग्लिश में तो दो पेज लिखे पंजाबी में

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अनिल कुमार, बठिंडा
ग्रीन सिटी में दो बच्चों व पत्नी की गोली मारकर हत्या करने वाले कारोबारी दविंदर गर्ग का सुसाइड नोट आखिरकार सामने आ गया है। छह पेजों के सुसाइड नोट में नौ आरोपियों पर ब्लैकमेलिंग का अलग-अलग तरह से विवरण दिया गया है। लगभग चार दिन बाद बाहर आए इस सूसाइड नोट पर कई तरह के सवाल खड़े होने लगे है। क्योंकि मृतक की तरफ से छह पेज के सुसाइड नोट में चार पेज इंग्लिश में लिख गए है, जबकि दो पेज पंजाबी में लिखे है। सवाल यही है कि आखिरकार शुरू से लेकर साढ़े चार इंग्लिश में लिखे है, इन पर बकायदा नंबर भी डाला गया है। आखिर में अपने साइन भी किए है। लेकिन आखिर के दो पेज पंजाबी में क्यों लिखे गए। पंजाबी में लिखे इन दोनों पेजों पर अपील व अन्य लोगों के बारे में लिखा है। इस मामले थाना कैंट पुलिस ने नौ आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करते चार को गिर तार कर लिया है। जबकि अन्य की तलाश जारी है।
मृतक की तरफ से लिखे सूसाइड नोट में बताया है कि आरोपी लोगों ने करोड़ों रुपए की राशि उससे वसूल की, उससे सुसराल वालों की जमीन अपने कब्जे में ली तो फाइनेंसिंग का काम करने वालों ने उनके सहयोगी लोगों की जमीनों व मकानों पर कब्जा कर लिया। करोड़ों रुपए उससे वसूल कर घाटा भी उसके सिर में डाल दिया। उसकी पत्नी के नाम पर लाखों रुपए के चैक लिए व उसे वापिस नहीं किए। इसमें कोहिनूर सहित दूसरे लोग उसके घर में आकर उसे व उसकी पत्नी को गालियां देते थे। इन्हीं बातों से परेशान होकर उसने फैसला लिया है कि वह परिवार सहित सुसाइड करेगा। वही दूसरी तरफ सुसाइड नोट में कांग्रेसी नेता राज नंबरदार को अपना सबसे बड़ा हितैशी बताया है कहा कि उसकी मौत के बाद राज नंबरदार उनके परिजनों का भी ध्यान रखे।
पुलिस की तरफ से गिर तार संजय जिंदल बाबी पर गंभीर आरोप लगाए गए है। मृतक ने सुसाइड नोट में बताया कि संजय जिंदल बाबी फाइनेंसिंग का काम करता है व लोगों से खाली चैंक व प्रमोट हासिल कर मनमानी राशी इसमें भरकर अवैध तौर पर वसूली कर ब्लैकमेल करता है। संजय जिंदल ने जितनी राशि उसे ब्याज पर दी उससे 500 गुणा राशि वसूल करने के बावजूद उस पर कानूनी कारर्वाई करने की धमकी देने के साथ राजनीतिक दल का नेता होने की बात कर धमकियां देता था। वही राजू कोहनूर अपने भाई व पत्नी के साथ मिलकर उसके घर में आकर धमकियां देता था व पूरे परिवार व मुहल्ले के सामने ऊंची आवाज में बात कर धमकाता था व बेइज्जत करता था। उन्होंने जैतों के कुछ लोगों के नाम भी लिखे जिसमें कहा गया कि उन्होंने उनके सुसराल वालों की प्रापर्टी एटैच कर रखी है वह मेरे मरने के बाद उनकी प्रापर्टी वापिस कर दे क्योंकि उन्होंने पहले ही उनसे ली गई राशि का काफी प्रिंसीपल अमाउंट व ब्याज की राशि वापिस कर दी है। इसमें अभिषेक जोहरी को बीटकावाइन का माहिर बताया जिसने उसके क्रेडिट कार्ड को पैसों के ट्रांजेक्शन के लिए इस्तेमाल किया वही वट्सएप ग्रुप मेरे नंबर से जोड़कर लोगों से चैट कर उन्हें बेवकूफ बनाकर करोड़ों रुपए ठगे व बाद में उक्त देनदारी भी उसके खाते में डाल दी गई। सुसाइड नोट में आरोप लगाया गया है कि आरोपी लोग उन्हें सत्तापक्ष के साथ जुड़ा होने की बात कर मानसिक तौर पर परेशान करते थे व पैसे नहीं देने पर पुलिस कारर्वाई करवाने व जान से मारने तक की धमकियां देते थे। इन्हीं सबी बातों से दविंदर गर्ग पिछले छह माह में पूरी तरह से टूट चुका था। इसी कारण २२ अक्टूबर को दविंदर गर्ग ने दो बच्चो और पत्नी को गोली मार हत्या करने के बाद खुद आत्महत्या कर ली थी।

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