नई दिल्ली

दिल्ली विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद अब भाजपा ने इस पर मंथन शुरू कर दिया है कि आखिर चूक कहां हुई और क्यों दिल्ली के दिल की बात समझ नहीं पाए। हार के बाद भले ही भाजपा शांत दिख रही हो लेकिन अंदरखाने उसमें बेचैनी है क्योंकि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने दिल्ली की कमान अपने हाथों में ली थी और भाजपा ने पूरी ताकत झोंक दी थी दिल्ली की सत्ता पाने को। खबर है कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी को तलब किया है और जवाब मांगा है।

बताया जा रहा है कि तिवारी से हार के कारण पूछे हैं। बता दें कि मनोज तिवारी आखिरी वक्त तक पार्टी की जीत को लेकर आश्वस्त थे। उनका दावा था कि पार्टी को 48 सीटें मिलेंगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ और भाजपा 8 सीटों पर ही सिमट कर रह गई। बुधवार को खबर थी कि मनोज तिवारी ने इस्तीफे की पेशकश की है लेकिन शाम को उनकी तरफ से बयान आया कि ऐसा कुछ नहीं है।

तिवारी ने कहा कि न तो पार्टी ने मुझसे इस्तीफा मांगा है और न ही मैं दे रहा हूं। जहां भाजपा में हार को लेकर मंथन शुरू हो गया है वहीं कांग्रेस में तो इस समय भूचाल जैसा माहौल है। कांग्रेस में प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा, प्रभारी पीसी चाको ने अपना इस्तीफा दिया था जिसे कांग्रेस ने स्वीकार कर लिया है। बता दें कि कांग्रेस इस बार भी अपना खाता नहीं खोल पाई।

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