नई दिल्ली

आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश पर हंगामा मचा हुआ है। लोकसभा में विपक्ष ने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरा है। वहीं, सरकार ने भी अपना पक्ष लोकसभा में रखा है। लोकसभा में बोलते हुए केंद्रीय समाजिक न्याय और अधिकरिता मंत्री थावर चंद्र गहलोत ने कहा है कि सरकार इस मामले पर उच्चस्तरीय चर्चा करेगी।

केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि इस मामले में केंद्र सरकार पार्टी नहीं है। साथ ही यह भी बताया है कि यह आदेश 2012 के उत्तराखंड सरकार के फैसले पर दिया गया है, जब राज्य में कांग्रेस की सरकार थी।

इस मामले पर लोकसभा में जब थावर चंद्र गहलोत सरकार का पक्ष रख रहे थे उस समय कांग्रेस के सभी सांसदों ने सदन का बहिष्कार करते हुए बाहर चले गए।

सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा था कि प्रमोशन में आरक्षण न तो मौलिक अधिकार है और न ही राज्य सरकारें इसे लागू करने के लिए बाध्य है। न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता की पीठ ने अपने एक निर्णय में इस बात का जिक्र किया है। खंडपीठ ने कहा है कि प्रमोशन में आरक्षण नागरिकों का मौलिक अधिकार नहीं है और इसके लिए राज्य सरकारों को बाध्य नहीं किया जा सकता। इतना ही नहीं, कोर्ट भी सरकार को इसके लिए बाध्य नहीं कर सकता।

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