बालीवुड डैस्क
फिल्म ‘स्ट्रीट डांसर्स थ्री-डी’ हमें ले जाती है एक ऐसी दुनिया में जिसमें डांस एक जुनून, एक जंग है। फिल्म में हम कुछ एक्टर्स को डांस करते देखते हैं तो कुछ डांसर्स को र्एंक्टग करते देखते हैं। थ्री-डी तकनीक से लैस यह फिल्म डांस के दीवानों को एक सपनीली दुनिया में ले जाती है। हालांकि फिल्म की चलताऊ कहानी और संवाद इसकी बहुत बड़ी कमजोरी हैं। कहीं-कहीं यह नसीहत देती भी लगती है।
रेमो डिसूजा की डांस फिल्म का फलक इस बार काफी बड़ा है। शायद यही वजह है कि फिल्म की कहानी के किरदार इस बार लंदन में रहते हैं। लंदन की दो डांस टीमें – स्ट्रीट डांसर्स और रूल ब्रेकर्स आपस में कट्टर प्रतिद्वंद्वी हैं। पहली टीम के लीडर हैं सहज ( वरुण धवन) तो दूसरी टीम की लीडर हैं इनायत (श्रद्धा कपूर) और जायन (सलमान यूसुफ खान)। नोरा फतेही फिल्म में वरुण की प्रेमिका के किरदार में हैं। इस बीच एक डांस प्रतियोगिता होती है जो फिल्म के सभी किरदारों र्का जिंदगी के प्रति नजरिया बदल देती है। फिल्म बनाने वाले कहीं न कहीं जानते थे कि सिर्फ डांस प्रतियोगिता के सहारे पूरी फिल्म नहीं चलाई जा सकती। शायद यही वजह है यह फिल्म अवैध प्रवासियों की समस्या को भी उठाती है। पर डांस और सामाजिक सरोकार के बीच जो संतुलन, जो सामंजस्य नजर आना चाहिए था, वह नदारद दिखता है। जैज, कन्टेम्परेरी, एफ्रो, लॉकिंग पॉपिंग, एनिमेशन टटिंग और स्लो-मो जैसे डांस के तमाम अंदाज आपको इस फिल्म में देखने को मिल जाएंगे। विजय कुमार अरोड़ा की सिनेमेटोग्राफी अच्छी है। सड़कों पर होने वाले डांस के मुकाबलों को आकर्षक अंदाज में फिल्माया गया है।
वरुण धवन में स्वैग और ऊर्जा तो दिखी है, पर एक्टिंग के मामले में वह खुद को दोहराते ही नजर आते हैं। वहीं श्रद्धा कपूर ने भी डांस में मेहनत की है, हालांकि वह भी कहीं-कहीं ओवरएक्टिंग की शिकार नजर आती हैं। नोरा फतेही बेहद ग्लैमरस लगी हैं। वह जब भी स्टेज पर आती हैं, उनसे नजरें हटाना मुश्किल हो जाता है। आप यह जानकर हैरान रह जाएंगे कि ‘गर्मी’ गाने में नोरा ने जो हेयरस्टाइल बनाया हुआ है, वह 2.5 लाख रुपए में तैयार हुआ था। इन तीनों के अलावा फिल्म में प्रभुदेवा हैं जिनका ‘मुकाबला’ गीत पर डांस हमें पुराने दौर में ले जाता है। इसके अलावा फिल्म में राघव जुयाल, धर्मेश यलांडे और सलमान युसुफ खान जैसे डांसर भी हैं। अपारशक्ति खुराना भी फिल्म में एक विशेष भूमिका में हैं।
फिल्म में हर कुछ मिनट बाद कोई न कोई गाना शुरू हो जाता है। इन गानों के फिल्मांकन पर अच्छा-खासा पैसा खर्च किया गया है। कहीं-कहीं तो ये थ्री-डी इफेक्ट अच्छे लगते हैं, पर कहीं-कहीं भड़कीले भी लगते हैं। वैसे तो फिल्म में मनोरंजन के सारे मसाले हैं, पर इसकी कहानी में कोई नयापन नहीं है। फिल्म जरूरत से ज्यादा लंबी भी है। अंतिम हिस्से का डांस काफी रोमांच बढ़ाने वाला है।