एमआरएसपीटीयू में एन.एस.एस. अफसरों के लिए सप्ताहिक प्रशिक्षण प्रोग्राम सफलतापूर्वक सम्पन्

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बठिंडा, (अनिल कुमार)  महाराजा रणजीत सिंह पंजाब टैकनिकल यूनिवर्सिटी (एम.आर.एस.पी.टी.यू.), बठिंडा में राष्ट्रीय सेवा योजना (एन.एस.एस.) के अधिकारी के लिए हफ्ता भर चला प्रशिक्षण प्रोगराम सफलतापूर्वक आज कैंपस में समाप्त हुआ हैं। यह प्रोगराम यूनिवर्सिटी के एन.एस.एस. विंग द्वारा इम्पैनलड प्रशिक्षण इंस्टीट्यूट (ई.टी.आई.) का नेतृत्व नीचे इंस्टीट्यूट फार डिवैल्पमैंट एंड कम्यूनीकेशन (आई.डी.सी.) चण्डीगढ़ के सहयोग के साथ आयोजित किया गया था। यह प्रोगराम भारत सरकार के युवा मामले और खेल मंत्रालय द्वारा स्पांसर किया गया था। सप्ताहिक भर चले इस प्रोगराम दौरान, एन.एस.एस. के आदेश, उदेशों और गतिविधियों बारे प्रशिक्षण दी गई। बठिंडा में 10 सालों के समय के बाद आयोजित किये गए प्रोगराम दौरान प्रसिद्ध शिक्षा शासतरियों, केंद्र और राज के सरकारी आधिकारियों ने भागीदारों के साथ सडक़ सुरक्षा, टिकाऊ वातावरण और एन.एस.एस. की स्कीमों समेत सामाजिक मुद्दों पर विचार चर्चा की। इस प्रोगराम दौरान मुख्य वक्ता प्रो. (डा.) सत्या भाई मलिक, डा.रबिन्दर पाल, डा.मीनू और कुलविन्दर सिंह थे। प्रो. (डा.) सत्यता भाई मलिक और डा. रबिन्दर पाल ने अध्यापकों से अपील की कि वह अपने विद्यार्थियों में नैतिक कदरों कीमतों और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना पैदा करने और अलग-अलग सामाजिक और वातावरण समस्याओं बारे जमीनी स्तर पर जागरूकता फैलाइ। डा. मीनू, कोआरडीनेटर एन.एस.एस. ने औरतों के सशक्तीकरन, लिंग सम्माता, औरतों के सामने चुणौतियों, औरतें विरुद्ध हिंसा और अन्यतों के साथ सम्बन्धित ओर मुद्दों पर रौशनी डाली। बठिंडा के सहायक डायरैक्टर युवक सेवाओं, कुलविन्दर सिंह ने एन.एस.एस. के अलग-अलग पक्षों बारे जानकारी सांझी की। नरेश पठानिया, मास्टर ट्रेनर रैड्ड क्रास बठिंडा ने फस्ट-एड का प्रर्दशन किया। यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर, प्रो. पौधा सिंह सिद्धू प्रोग्राम के समाप्ति सैशन में मुख्य मेहमान थे। उन्होंने प्रोगराम अफसरों के सर्वपक्षिय विकास में ऐसे प्रोग्रामों की समाज प्रति भूमिका बारे रौशनी डाली। उन्होंने कहा कि नौजवानों के दिमाग को जिम्मेदार और चेतन नागरिक बनाने के लिए अध्यापकों की बड़ी भूमिका होती है। उन्होंने कहा कि अध्यापक विद्यार्थियों के आचरण और व्यवहार की तरफ निजी ध्यान दे कर नौजवानों को भटकने और नकारात्मिक औगुणों से रोकने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डा. गुरिन्दरपाल सिंह बराड़ ने धन्यवाद का संकल्प पेश किया। उन्होंने कहा कि उनको खुशी हुई कि पंजाब के अलग-अलग हिस्सों से अध्यापकों ने इस प्रोगराम में शिरकत की और सामाजिक मुद्दों पर विचार पर व्यापक चर्चा की।

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