नरेश कुमार रिम्पी, मानसा । भारतीय किसान यूनियन लक्खोवाल की तरफ से डिप्टी कमिश्नर दफ्तर सामने धरना लगा कर मांग पत्र सौंपा । धरने को संबोधन करते हरिन्दर सिंह लक्खोवाल ने कहा कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने विधान सभा चुनाव के मौके किसानों के साथ वायदा किया था कि हमारी सरकार बनने पर किसानों का हर तरह का कजऱ् माफ करेंगे परन्तु सरकार पिछले ढाई साल से टालमटोल कर रही है। इस लिए किसान सरकार से मांग करते हैं कि चुनावी वायदे के मुताबिक सभी किसानों का कर्ज माफ किया जाए। सरकार थोड़ा कर्ज माफ करके किसानों में फूट डालने की कोशिश न करे । नेताओं ने कहा कि कर्ज माफ न होने के कारण किसान खुदकुशी करने के लिए मजबूर हो रहे हैं। हरिन्दर सिंह लक्खोवाल और झंडूके ने कहा कि मानसा जिले में लगभग 100 अवारा पशु हर महीने भूख व दुर्घटनाओं में मर रहे हैं और साथ ही राहगीरों की कीमती जानें भी जा रही हैं इस लिए सरकार अवारें पशुओं और कुत्तों की देखरेख का प्रबंध करे। केंद्र सरकार ने जहां भारत के 11 बाढ़ पीडि़त राज्यों को तत्काल मदद देने के लिए ऐलान किया वहीं पंजाब को भी बाढ़ पीडि़त प्रदेश घोषित कर बाकियों राज्यों की तरह तत्काल मदद दी जाये । केंद्र की पिछली कांग्रेसी सरकार की तरह केंद्र की भाजपा सरकार की तरफ से पंजाब सरकार के साथ सौतेला सलूक किया जा रहा है। जिस के अंतर्गत केंद्र की भाजपा सरकार की तरफ से हरियाणा में होने वाले चुनाव के चलते हिमाचल प्रदेश से हरियाणा को पानी देने की योजना बनाई जा रही है जो कि किसी भी हाल में भारतीय किसान यूनियन की तरफ से सफल नहीं होने दी जाएगी। अगर सरकार ने धक्को साथ पानी छीनने की कोशिश की तो पंजाब में से जो भी नहरों राजस्थान और हरियाणा को जा रही हैं वह मुकम्मल बंद कर दीं जाएंगी और पानी की एक भी बूंद दूसरे राज्यों को नहीं जाने दी जायेगी । नेताओं ने कहा कि पंजाब के पानी का वितरण रिपेअरियन कानून मुताबिक किया जाए। रिपेअरियन कानून के मुताबिक जिस राज्य में दरिया गुजऱते हैं वह पानी और पहले हक उसी राज्य का माना गया है। वह राज्य पहले उस पानी को अपनी ज़रूरत मुताबिक इस्तेमाल करे और अधिक पानी की रायलटी लेकर बेच सकता है । धरने को संबोधन करते रामकरन सिंह रामा ने कहा कि पंजाब की जवानी और किसानी को बचाने ख़ातिर अफीम की खेती की छुट दी जाये। पराली की समस्या के हल के लिए 90 प्रतिशत सब्सिडी और यंत्र दिए जाएं। फ़ाल्तू खर्च किए की भरपायी के लिए 3000 रुपये प्रति एकड़ दिया जाये। बाढ़ के साथ हुए नुक्सान का 40,000 हजार रुपए प्रति एकड़ दिया जाये। पंजाब की डेरी को बचाने ख़ातिर नकली दूध बना कर बेचने वालों खि़लाफ़ पर्चे दर्ज किये। उन्होंने कहा कि मांगें पूरी नहीं करने पर मजबूरन किसानों को अपना संघर्ष तेज करना पड़ेगा जिसकी जिम्मेवारी सरकार की होगी।