शक्ति जिंदल, गिदडबाहा
गिदडबाहा जसपाल सिंह नाम के होमगार्ड के परिवार की कहानी 1988 में होमगार्ड में भर्ती हुआ था तब ₹400 महीना तनक मिलती थी इतनी मुश्किल के चलते अपने दो बेटे और दो बेटियों को खूब पढ़ाया जिस में बड़ा बेटा अब सब इंस्पेक्टर बना है जिस के चलते घर मे खुशी का माहौल है जसपाल काफी ईमानदारी से अपनी नोकरी की है आज भी वो अपनी साईकल पर जॉब पर जाता है जिस की ईमानदारी के चलते आज बेटा अफसर बना है जगपाल का कहना है वो होम गार्ड में होने के चलते वो को लगता था को हर अपने अफसर को सलूट करता है दिल मे तमना थी उन का बेटा बड़ा अफसर बने लोग उन को सलूट करे आज उन की मुराद पूरी हुई जब उन के बेटे को उन को सलूट दिया
जसपाल के बेटे जगप्रीत का कहना है उन को अपने पिता की मेहनत पर फक्र है जिन के चलते आज वो पुलिस ने सब इंस्पेक्टर बना है