डर खत्म कर पहली बार किया रक्तदान, अब बोले हर बार करूंगा

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धीरज गर्ग, बठिंडा
डेंगू का डंक महानगर निवासियों को अपना निशाना बनाता जा रहा है, यहीं कारण है कि डेंगू पीडि़तों के लिए प्लाजमा और रक्त की मांग दिन व दिन बढ़ती जा रही है। डेंगू पीडि़तों के लिए महानगर से समाजसेवियों ने अपनी कमर कसी हुई है। रात भर रक्त और प्लाजमा की मांग को पूरा करने में जुए है। यहां तक नए रक्तदानियों को प्रेरित करने का काम लगातार जारी है। ताकी हर व्यक्ति इस काम में अपना योगदान दे सके। शहर के विकास कुमार ने भी पहली बार रक्तदान कर इस मुहिम में अपना योगदान दिया। समाजसेवी बीरबल बंसल ने उन्हें इसके लिए प्रेरित किया।
समाजसेवी बीरबल बंसल बताते है कि डेंगू के कहर के कारण इस समय रक्त और प्लाजा की मांग बढ़ती जा रही है। 24 घंटे में उन्हें 30 से ज्यादा कॉल आ रही है। वह रक्तदानियों के सहयोगसे किसी भी तरह इस मांग को पूरा करने में जुटे है। अभी तक रक्दान को लेकर कुछ लोगों में भ्रम है, कि रक्तदान करने से शरीर में कोई कमजोरी आ जाती है। इस भ्रम को दूर करने के लिए वह युवाओं को प्रेरित कर रहे है। शुक्रवार को विकास कुमार को पहली बार ब्लड बैंक में रक्तदान करने के लिए लेकर गए। हालांकि पहले उसमें भी कुछ जिझक साफ दिखाई दे रही थी। लेकिन रक्तदान करने के बाद खुद विकास कुमार का कहना था कि अब उसे अच्छा महसूस हो रहा है। क्योंकि उसके रक्त से किसी की जान बच सकती है। उसे किसी तरह की कोई कमजोरी महसूस भी नहीं हो रही है। यह बात अगर उसे पहले पता होती तो वह काफी समय पहले ही रक्तदान करना शुरू कर देता।

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