नई दिल्ली
राजधानी दिल्ली प्रदूषण के मामले में दुनिया के टॉप शहरों में शामिल हो गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, मंगलवार को दिल्ली का प्रदूषण स्तर 413 पहुंच गया, जोकि अंतरराष्ट्रीय मानकों से कहीं ज्यादा है। दिल्ली के बाद सबसे प्रदूषित शहरों में पाकिस्तान का लाहौर, मंगोलिया का उलानवतार, सर्बिया का बल्ग्रेड और बांग्लादेश की राजधानी ढाका टॉप पांच प्रदूषित शहरों में शामिल हैं। सुबह लोगों को हल्की धुंध का अहसास हुआ था और उन्हें सांस लेने में दिक्कतों तथा आंखों में जलन की शिकायत थी।


राजधानी में मंगलवार को आसमान में धुआं छाया रहा और सूर्य देर से निकला तथा कई स्थानों पर हवा की गुणवत्ता बिगड़ गयी एवं ‘‘गंभीर” श्रेणी में पहुंच गयी। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार साढ़े बारह बजे दिन में शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 390 था जो सोमवार को रात आठ बजे के सर्वाधिक 397 एक्यूआई से कम था। एक्यूआई गाजियाबाद में 429, ग्रेटर नोएडा में 418, और नोएडा में 427 रहा जो बहुत बुरी स्थिति है।
उल्लेखनीय है कि, 0-50 के बीच एक्यूआई को ‘‘अच्छा” माना जाता है, जबकि 51-100 ‘‘संतोषजनक”, 101-200 ‘‘मध्यम”, 201-300 ‘‘खराब”, 301-400 ‘‘बहुत खराब” और 401-500 ‘‘गंभीर” श्रेणी का माना जाता है। एक्यूआई अगर 500 से ऊपर पहुंच जाता है, तो उसे ‘‘गंभीर व आपातकालीन” श्रेणी का माना जाता है।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता निगरानी सेवा, ‘वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान एवं अनुसंधान प्रणाली’ (सफर) के मुताबिक दिल्ली विश्वविद्यालय में पीएम 2.5 का स्तर 740 तक पहुंच गया जो 60 तक अच्छा समझे जाने वाले स्तर से कई गुणा अधिक है। शहर के अन्य क्षेत्रों की स्थिति भी कोई अच्छी नहीं रही। आंनद विहार 436 एक्यूआई के साथ राजधानी का सबसे प्रदूषित जगह थी और नेहरू नगर 430 के साथ शहर में दूसरे स्थान पर था।

दिवाली की रात के बाद दिल्ली की वायु गुणवत्ता पटाखों फोड़ने, पराली जलाने और प्रतिकूल मौसम संबंधी स्थितियों के चलते काफी नीचे गिर गयी थी। तब से प्रदूषण स्तर बहुत खराब श्रेणी के प्रारंभिक और आखिरी बिंदु के बीच है। दिवाली की रात को बहुत सारे लोगों ने महज दो घंटे ही पटाखे फोड़ने के उच्चतम न्यायालय के आदेश का खुलेआम उल्लंघन किया था।
उच्चतम न्यायालय ने यह भी आदेश दिया था कि 30 फीसद कम प्रदूषण फैलाने वाले हरित पटाखे ही बनाये जाएं और फोड़े जाएं लेकिन डीपीसीसी का कहना है कि बड़ी संख्या में लोगों ने अवैध पटाखे फोड़े। अरविंद केजरीवाल सरकार ने लोगों को पटाखे फोड़ने से दूर रखने के लिए राजी करने की कोशिश के तहत मेगा लेजर शो का आयोजन किया था।

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