*बैठक करने का समय देने के बावजूद आखिर तक मुलाकात नहीं देने से गुस्साए बीएड पास बेरोजगार अध्यापक यूनियन के कार्यकर्ता।
नीरज मंगला, बरनाला।
गणतंत्रता दिवस के मौके पर ध्वजारोहण करने बरनाला पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री पंजाब बलवीर सिंह सिद्धु को बीएड पास बेरोजगार अध्यापकों व पॉवरकॉम के ठेका आधारित मुलाज़िम संगठनों ने काले झंडे दिखाए। मामला था कि यह संगठन लंबित मांगों को लेकर मंत्री से बैठक करना चाहते थे, लेकिन आश्वासन देने के बावजूद आखिर तक उनकी मंत्री से मुलाकात नहीं होने दी गई थी। बाद में गुस्साए बेरोजगार अध्यापक यूनियन के कार्यकर्ताओं ने समारोह स्थल के मुख्य द्वार पर धरना लगा दिया।यह बताया मामला-
बीएड पास बेरोजगार अध्यापकों व पॉवरकॉम के ठेका आधारित मिुलाजिम संगठनों ने संयुक्त तौर पर सोमवार को डिप्टी कमिश्नर बरनाला से मुलाकात की थी उनसे गणतंत्रता दिवस के मौके पर शांतमयी ढंग से सेहतमंत्री पंजाब से मुलाकात करवाने और बैठक करवाने का आश्वासन दिया था। लेकिन मंगलवार को जैसे ही ध्वजारोहण समारोह का समापन हुआ तो समारोह स्थल से वापिस बाहर आने तक प्रशासन ने संगठनों की मुलाकात मंत्री से नहीं करवायी। जिसको लेकर उन्हें काले झंडे उठा कर मजबूरन प्रदर्शन करना पड़ा। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि बरनाला के सिविल प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन ने उनके साथ धोखा किया है। यह मामला पूरे पंजाब में लेजाया जाएगा और संघर्ष शुरु किया जाएगा।
गणतंत्रता दिवस के मौके पर ध्वजारोहण करने बरनाला पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री पंजाब बलवीर सिंह सिद्धु को बीएड पास बेरोजगार अध्यापकों व पॉवरकॉम के ठेका आधारित मुलाज़िम संगठनों ने काले झंडे दिखाए। मामला था कि यह संगठन लंबित मांगों को लेकर मंत्री से बैठक करना चाहते थे, लेकिन आश्वासन देने के बावजूद आखिर तक उनकी मंत्री से मुलाकात नहीं होने दी गई थी। बाद में गुस्साए बेरोजगार अध्यापक यूनियन के कार्यकर्ताओं ने समारोह स्थल के मुख्य द्वार पर धरना लगा दिया।यह बताया मामला-
बीएड पास बेरोजगार अध्यापकों व पॉवरकॉम के ठेका आधारित मिुलाजिम संगठनों ने संयुक्त तौर पर सोमवार को डिप्टी कमिश्नर बरनाला से मुलाकात की थी उनसे गणतंत्रता दिवस के मौके पर शांतमयी ढंग से सेहतमंत्री पंजाब से मुलाकात करवाने और बैठक करवाने का आश्वासन दिया था। लेकिन मंगलवार को जैसे ही ध्वजारोहण समारोह का समापन हुआ तो समारोह स्थल से वापिस बाहर आने तक प्रशासन ने संगठनों की मुलाकात मंत्री से नहीं करवायी। जिसको लेकर उन्हें काले झंडे उठा कर मजबूरन प्रदर्शन करना पड़ा। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि बरनाला के सिविल प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन ने उनके साथ धोखा किया है। यह मामला पूरे पंजाब में लेजाया जाएगा और संघर्ष शुरु किया जाएगा।