नई दिल्ली
जेएनयू छात्रसंघ ने रविवार (19 जनवरी) को एक बार फिर पंजीकरण और कक्षाओं का बहिष्कार जारी रखने की घोषणा की है। छात्रसंघ ने विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से कक्षाएं शुरू करने, कक्षाओं की समयसारिणी और जारी शिक्षण कार्यक्रम को भी खारिज कर दिया। छात्रसंघ पदाधिकारियों ने कहा कि कोई भी शिक्षण कार्यक्रम शिक्षकों और छात्रों के बीच चर्चा के माध्यम से ही लाया जाएगा। इससे पूर्व छात्रसंघ ने कक्षाओं में शामिल होने की बात कही थी। जेएनयू में छात्रावास की बढ़ी हुई फीस को लेकर छात्र 85 से अधिक दिनों से आंदोलित हैं। छात्र परीक्षा और नए सेमेस्टर के लिए पंजीकरण प्रक्रिया का बहिष्कार कर चुके हैं।
हालांकि, छात्रसंघ ने बीते गुरुवार (16 जनवरी) को आंदोलन की रणनीति में अहम बदलाव करते हुए कक्षाओं में शामिल होने की बात कही थी। साथ ही पुराने सेमेस्टर की कक्षाएं लगाने का प्रस्ताव भी पारित किया था, लेकिन रविवार को छात्रसंघ ने पुन: बयान जारी कर छात्रों से पंजीकरण, परीक्षा और कक्षाओं का बहिष्कार करने की अपील की। छात्रसंघ ने कहा कि बीते सेमेस्टर के शैक्षणिक बैकलॉग को पूरा करने के लिए प्रर्याप्त समय है, जब तक यह सेमेस्टर पूरा नहीं होता है, तब तक कक्षाओं का बहिष्कार जारी रखें।
दंड को खत्म करें: छात्रसंघ ने कहा कि जिस तरह परीक्षाओं और कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है, उससे अराजकता की स्थिति बनेगी। इससे छात्र समुदाय में विभाजन हो सकता है। छात्रसंघ ने विश्वविद्यालय प्रशासन से अपील की है कि वह आंदोलन के दौरान छात्रों पर लगाए गए दंड को खत्म करें।
जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) ने रविवार (19 जनवरी) को कहा कि वह 20 जनवरी को अदालत का दरवाजा खटखटाएगा और नए हॉस्टल मैनुअल को रद्द करने का अनुरोध करेगा, जिसमें फीस बढ़ोतरी का प्रावधान है। जेएनयूएसयू ने एक बयान में कहा कि वह इंटर..हॉल एडमिनिस्ट्रेशन मैनुअल के खिलाफ सोमवार (20 जनवरी) को याचिका दायर करेगी। जेएनयूएसयू ने दावा किया कि इसे छात्र संघ की प्रतिक्रिया लिये बिना अक्टूबर में ”अवैध तरीके” से पारित किया गया था। जेएनयूएसयू इस मुद्दे को लेकर करीब तीन महीने से हड़ताल पर है। छात्र संघ ने छात्रों से पंजीकरण और सभी शैक्षणिक गतिविधियों का बहिष्कार जारी रहने का आग्रह किया। छात्र संघ ने कहा कि अर्जी में पुरानी दरों पर बिना किसी विलंब शुल्क के पंजीकरण का अनुरोध किया गया है।