नई दिल्ली

निर्भया के दोषियों को 20 मार्च सुबह 5.30 बजे फांसी दी जाएगी। पटियाला हाउस कोर्ट ने दोषियों की याचिका पर फैसला सुनाते हुए फांसी की सजा को बरकरार रखा है। दोषियों के वकील एपी सिंह ने कई मामलों का हवाला देते हुए 20 मार्च को होने वाली फांसी टालने का अनुरोध किया था। इससे पहले आज निर्भया के दोषियों की तीन याचिकाएं खारिज हुई हैं।

पवन की क्यूरेटिव याचिका खारिज

निर्भया के दोषी पवन का फांसी से बचने का एक और पैंतरा कामयाब नहीं हो सका। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने पवन की क्यूरेटिव याचिका रद्द कर दी है, जिसमें उसने घटना के वक्त खुद को नाबालिग बताया था।  सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए दावा किया गया कि उसकी याचिका पर उचित सुनवाई नहीं की गई और याचिका को खारिज कर दिया गया।

मुकेश की याचिका हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट में भी खारिज
दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा याचिका खारिज किए जाने के बाद निर्भया मामले के दोषी मुकेश सिंह ने सुप्रीम कोर्ट का रुख करते हुए दावा किया कि दिसंबर 2012 में हुए अपराध के समय वह दिल्ली में नहीं था। गुरुवार दोपहर में जब इसकी सुनवाई शुरू हुई तो सुप्रीम कोर्ट ने मुकेश की याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि अब इस सब बातों का कोई मतलब नहीं है, हर अदालत ने आपकी सभी याचिकाएं सही तरीके से सुनी हैं।

अक्षय और पवन की दूसरी दया याचिका सुनने से राष्ट्रपति का इनकार
मुकेश और पवन की याचिकाएं खारिज होने के साथ ही राष्ट्रपति ने अक्षय और पवन की दूसरी याचिका पर गौर करने से भी इनकार कर दिया।

इसके साथ ही फांसी टलवाने के लिए यह भी तर्क दिया गया है कि दोषी विनय, पवन और अक्षय की ओर से अंतरराष्ट्रीय अदालत में दायर की गई याचिका पर सुनवाई भी अभी लंबित है, लिहाजा 20 मार्च की सुबह होने वाली फांसी की सजा पर रोक लगाई जाए।

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