पंजाब के उद्योगों को बड़ी राहत, अब भूजल दोहन के लिए मंजूरी जरूरी नहीं, केंद्रीय जल बोर्ड की खास स्‍कीम

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चंडीगढ़, [धीरज गर्ग/नीरज मंगला]। पंजाब में नए उद्योग स्थापित करने के लिए अब केंद्रीय जल बोर्ड से अनुमति लेने की जरूरत नहीं है, अब यह अनुमति पंजाब वाटर रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी से ही मिलेगी। गिरते भूजल को बचाने के लिए इसी साल बनाई अथॉरिटी ने भूजल के लिए नए निर्देश जारी करके आम लोगों से इस पर ऐतराज मांगे हैं ताकि इन्हें जल्द से जल्द अधिसूचित किया जा सके।

पंजाब वाटर रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ने जारी किए निर्देश, आम लोगों से मांगे ऐतराज

अथाॅरिटी के सेक्रेटरी अरुणजीत मिगलानी ने ये निर्देश जारी करते हुए कहा है कि अब व्यवसायिक और औद्योगिक कामों के लिए भूजल दोहन बिना इस अथॉरिटी की अनुमति के नहीं निकाला जा सकेगा। इन दोनों सेक्टर्स के लिए अब भूजल के दोहन की मीटरिंग की जाएगी और उसके चार्जेस भी तय कर दिए गए हैं।

अथॉरिटी ने भूजल दोहन से फिलहाल घरेलू और खेती सेक्टर को बाहर रखा है। अथॉरिटी ने पूरे राज्य को तीन भागों में बांट दिया है। पहले क्षेत्र में ग्रीन जोन आता है जहां पानी का स्तर काफी ऊपर है इसमें राज्य के २९ ब्लॉक आते हैं। दूसरा पीला जोन है जहां पानी का स्तर संतोषजनक है लेकिन पानी का दोहन रीचार्ज के मुकबाले ज्यादा है।

इस जोन में 65 ब्लॉक आते हैं। गंभीर स्थिति वाले ब्लॉकों को ऑरेंज जोन में रखा गया है। यहां रीचार्ज के मुकाबले दोगुणा से ज्यादा पानी निकाला जा रहा है। जोन के हिसाब से ही पानी को निकालने के रेट तय किए गए हैं। यानी ग्रीन जोन में पानी निकालना सस्ता होगा जबकि ऑरेंज में यह महंगा रखा गया है ताकि यहां से और ज्यादा पानी न निकाला जा सके।

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