मोहाली । पंजाब में पंचायतें भंग करने पर कांग्रेस मोहाली में आम आदमी पार्टी के खिलाफ धरना दे रही है। फोर्टिस अस्पताल के पास विकास भवन के पंचायत डायरेक्टर ऑफिस के बाहर कार्यकर्ता बैठे हुए हैं। इसमें पंजाब कांग्रेस के प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग के नेतृत्व में कांग्रेसी विधायक, नेता मौजूद हैं।
राजा वड़िंग ने कहा कि पंजाब सरकार ने इस असंवैधानिक फैसले से पंचायतों के अधिकार छीने हैं। इस फैसले से विकास कार्य प्रभावित होंगे। सरकार ने सभी ग्रामीणों से धोखा किया है।
वड़िंग ने कहा है कि राज्य सरकार के पंचायती राज खत्म करने के असंवैधानिक फैसले को कोर्ट में चुनौती दी गई है। पंजाब में 13 हजार से ज्यादा पंचायतें हैं, जहां राज्य सरकार चुनाव करवाएगी। सूत्रों के अनुसार, पंचायत समिति और जिला परिषद के चुनाव 25 नवंबर को हो सकते हैं, जबकि ग्राम पंचायतों के चुनाव 31 दिसंबर को कराए जा सकते हैं। हालांकि सरकार की ओर से अभी औपचारिक ऐलान होना बाकी है।
विपक्षी दलों के पंजाब सरकार से सवाल
पंजाब सरकार द्वारा पंचायतें भंग करने के फैसले पर सभी सियासी दलों ने सवाल खड़े किए हैं। मान सरकार पर ग्रामीणों से उनका हक छीनने के आरोप लगाए गए हैं। सरकार के इस फैसले से पंचायती राज के नुमाइंदों में भी काफी नाराजगी है।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने 15 अगस्त को ऐलान किया कि पंचायत चुनाव में जो गांव सर्वसम्मति से सरपंच चुनेंगे, उन गांवों को राज्य सरकार विकास कार्यों के लिए 5 लाख एडवांस देगी, लेकिन गांव अपना सरपंच चुने, न कि किसी पार्टी का।
पंजाब सरकार ने ग्राम पंचायतों को पंजाब पंचायती राज एक्ट-1994 की धारा 29-ए के तहत भंग किया है। पंचायती रिकॉर्ड को सुरक्षित रखने के लिए सामाजिक शिक्षा एवं पंचायत अफसर, पंचायत अफसर, जूनियर इंजीनियर और ग्रामीण विकास अफसर प्रबंधक नियुक्त किए जा रहे हैं। प्रबंधकों को 14 अगस्त तक ग्राम पंचायतों का बंटवारा कर पेन ड्राइव समेत सॉफ्ट कॉपी के माध्यम से प्रोफार्मा भेजने के आदेश जारी किए गए थे।