पद्म विभूषण वापिस करने वालो ने पंथ रत्न वापिस क्यों नही किया

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अनिल कुमार,बठिंडा
किसानों के हित के लिए बने कृषि बिलों पर अपनी राजनिति करते हुए पंजाब कर पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल द्वारा पद्मविभूषण वापिस करने पर भाजपा के प्रदेश सचिव सुखपाल सिंह सरां द्वारा कड़ा प्रहार किया गया, उन्होंने कहा कि पंजाब की सत्ता में रहते हुए बादल सरकार में अनेकों बार परम पवित्र ग्रन्थ साहिब की बेअदबी उनके चहेतों द्वारा की गई, और शरेआम सिक्ख पंथ का अपमान किया गया,लेकिन तब तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का दिल बिल्कुल भी नही पसीजा और अपनी नाकामयाब सत्ता के चलते उन्होंने कभी भी सिक्ख पंथ के सम्मान में अपना पंथ रत्न वापिस देना जरूरी नही समझा, सरां ने कहा कि आज किसानों के हित मे बने कृषि बिलों पर अपनी राजनीतिक जमीन खिसकते देख किसानों के नकली मसीहा बने प्रकाश सिंह बादल  पद्म विभूषण वापिस करने का ड्रामा रच रहे है,जबकि पंजाब का किसान इनकी घटिया राजनीति को अच्छे से समझ चुका है कि कैसे अकाली दल के सरपरस्त सुखबीर बादल को मुख्यमंत्री बनने के लिए ढोंग रच रहे है, सरां ने कहा कि बादल परिवार द्वारा सिक्खों के साथ हमेशा छलावा किया गया, चाहे वो 1984 की घटना हो या श्री गुरु ग्रन्थ साहिब का अपमान, उन्होंने कहा कि  पंथ रत्न व पद्म विभूषण के असली हकदार सिक्ख पंथ के लिए काम रही नौजवान पीढ़ी है, बादल परिवार का सिक्ख पंथ में ऐसा कोई योगदान नहीं कि इन्हें पंथ रत्न दिया गया, आज हर सिक्ख इनसे सवाल पूछता है कि इन्होंने सिक्खों के सम्मान में पंथ रत्न वापिस क्यो नही किया, सरां ने कहा कि पंजाबवासी अब इनके छलावे में नही आएंगे, सरां द्वारा पद्म विभूषण वापिस करने पर ढींडसा पर भी निशाना साधा गया कि लोगों के दिलो से उतरे नेता खुद की राजनीति चमकाने के लिए स्टंट खेले जा रहे है, जो कि बर्दाश्त नही किये जायेंगे और न ही इन्हें पंजाब का माहौल खराब करने दिया जाएगा।

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