लखनऊ
दिल्ली के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने भी कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए 22 मार्च तक सभी स्कूल और कॉलेज बंद करने का फैसला लिया है। उत्तर प्रदेश में 10 से ज्यादा कोरोनावायरस के पॉजिटिव लोगों की पहचान की जा चुकी है। वहीं सैकड़ों लोगों पर निगरानी रखी जा रही है। प्रदेश में कोरोनावायरस के बढ़ते हुए प्रकोप को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को बैठक बुलाई थी। बैठक में कोरोना वायरस के नियंत्रण को लेकर चल रहे कार्यों की समीक्षा की गई। साथ ही कई जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए गए। प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम डेढ़ माह पहले से ही तैयारी कर रहे थे। 24 मेडिकल कॉलेज में 448 बेड रिजर्व रखे गए हैं। बचाव पर ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में अभी तक कोरोना वायरस के 11 संदिग्ध मामले सामने आए हैं, जिनमें से सात आगरा, दो गाजियाबाद, एक नोएडा तथा एक लखनऊ का मामला है। इनमें से 10 का उपचार दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में तथा एक का उपचार लखनऊ के केजीएमयू में चल रहा है।
कोरोना के मद्देनजर बेसिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक के सभी शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे। 23 मार्च को समीक्षा के बाद आगे निर्णय लिया जाएगा।
नोएडा में प्राइवेट फर्म में काम करने वाला व्यक्ति शुक्रवार को कोरोना वायरस से पीड़ित पाया गया। नोएडा के सीएमओ ने इस बात की पुष्टि की है। कंपनी के 707 कर्मचारियों को स्वास्थ्य विभाग की निगरानी में रखा गया है।
इससे पहले दिल्ली समेत पूरे देश में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए दिल्ली सरकार ने भी ऐहतियात के तौर पर सभी सिनेमा हाल और जिन स्कूलों व कालेजों में परीक्षाएं नहीं हैं, उन सभी को आगामी 31 मार्च तक बंद करने का फैसला लिया। दिल्ली में सभी खेल, आयोजनों, सेमिनार, कॉन्फ्रेंस पर रोक लगा दी है।