चंडीगढ़ 

चौतरफा विरोध के बाद आखिर पंजाब सरकार ने प्राइवेट थर्मल प्लांटों के साथ किए गए बिजली खरीद समझौतों पर पुनर्विचार का फैसला किया है। यह समझौते पूर्व अकाली-भाजपा सरकार के दौरान किए गए थे। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने प्राइवेट थर्मल प्लांटों को पंजाब के खजाने के साथ खिलवाड़ न करने की चेतावनी भी दी है।

दिल्ली में केजरीवाल सरकार की वापसी और आप के बिजली के खिलाफ आंदोलन से बढ़ा दबाव

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि उनकी सरकार प्राइवेट थर्मल प्लांटों के साथ मौजूदा व्यवस्था में ही काम करते हुए उनसे पीक सीजन के दौरान किफायती दरों पर बिजली लेने को सुनिश्चित बनाएगी। यह कदम लहरा मोहब्बत और रोपड़ के सरकारी थर्मल प्लांटों में कम बिजली उत्पादन को देखते हुए उठाया जा रहा है।

पीक सीजन में भी पावर कंपनियों से किफायती दरों पर बिजली खरीदेगी सरकार

जाब यूथ कांग्रेस की ओर से महंगी बिजली का मुद्दा उठाने पर कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि पिछले तीन साल की उनकी सरकार के प्रयासों के परिणामस्वरूप राज्य की वित्तीय स्थिति मजबूत हुई है। इस गति को कम करने का कोई भी प्रयास बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने यूथ कांग्रेस के प्रतिनिधियों को चाय पर बुलाया था।

गौरतलब है कि पंजाब में बिजली उत्तर भारत में सबसे महंगी है। ऐसा बिजली कंपनियों के साथ किए गए गलत समझौतों के कारण हो रहा है। आप इसके खिलाफ मुहिम चला रही है। वहीं, दिल्ली में सस्ती बिजली के मुद्दे पर तीसरी बार सत्ता में आई केजरीवाल सरकार के कारण भी कैप्टन सरकार पर दबाव बढ़ गया है।

समाज को बांटने वाले कानून के खिलाफ अपनी भूमिका निभाएं

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने यूथ नेताओं से समाज को बांटने वाले कानूनों के खिलाफ अपनी भूमिका निभाने को कहा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सरकार की ओर से शिक्षा व खेती के सेक्टर में सरकार की कई उपलब्धियां हैं। उन्होंने कहा कि इन उपलब्धियों को आम लोगों तक पहुंचाने में वह सहयोग करें और सरकार के खिलाफ नकारात्मक एजेंडे को तोडें। आज स्किल आधारित शिक्षा की जरूरत है, ताकि मौजूदा चुनौतियों का सामना किया जा सके। उन्होंने कहा कि इसके लिए 5500 स्मार्ट स्कूल खोले जा चुके हैं और उनका लक्ष्य ऐसे 13 हजार स्कूल खोलने का है।

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