शिक्षा विभाग पर छाया कोरोना का संकट, पांच अध्यापक सहित आठ संक्रमित

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धीरज गर्ग/नीरज मंगला, बठिडा :

जिले में एक महीने पहले स्कूल खुलने की अनुमति देना शिक्षा विभाग के लिए भारी पड़ रहा है। बुधवार को पांच शिक्षण संस्थानों सहित कुल आठ कोरोना संक्रमित पाए गए हैं, जबकि तीन लोगों की कोरोना से मौत हो गई है।

सरकार व प्रशासन के आदेशों के बाद स्कूल तो खोल दिए लेकिन प्रबंधकों की ओर से कोविड नियमों का पालन न करना भारी पड़ रहा है। इसका नतीजा यह रहा कि स्कूलों में कोरोना का कहर लगातार बढ़ता ही जा रहा है। बुधवार को एक बार फिर चार सरकारी स्कूल व एक निजी स्कूल के अध्यापक कोरोना पाजिटिव पाए गए हैं। इससे पहले भी शहर के डीएवी कालेज, एसएसडी ग‌र्ल्स कालेज से संक्रमित केस मिले थे, वहीं अब सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल व मेरिटोरियस स्कूल में पांच नए केस मिले हैं। इसके अलावा शिक्षा विभाग के कर्मचारी भी पाजिटिव पाए गए हैं। सेहत विभाग की तरफ से विभिन्न स्कूलों व कालेजों के मामलों को रोकने के लिए सैंपलिंग शुरू कर दी है, लेकिन अभी तक इतने केसों के बाद स्कूल बंद नहीं करवाए जा रहे हैं।

भले ही बच्चों को सख्ती से सामाजिक दूरी व मास्क लगाने के नियमों के प्रति जागरूक किया जा रहा है लेकिन स्टाफ इन नियमों को पालन करने में गुरेज कर रहा है। अधिकतर स्कूल तो ऐसे हैं जहां बस में तय संख्या से अधिक बच्चों के बैठाया जा रहा है। बच्चों पर बढ़ा कोरोना का खतरा

इस बार पांच अध्यापक कोरोना पाजिटिव पाए गए हैं, जिसमें शहर के सरकारी कन्या विद्यालय व एमएचआर नर्सरी स्कूल के कर्मचारी भी शामिल हैं। आदेश के मुताबिक सिर्फ नौवीं से बारहवीं के विद्यार्थियों को बुलाया गया है। अध्यापकों पर भी शत प्रतिशत नतीजों का बोझ डाला जा रहा है। इसलिए अध्यापकों को रोजाना स्कूल आकर विद्यार्थियों को पढ़ाई करवानी पड़ रही है। अगर शिक्षा विभाग इस प्रकार अध्यापकों को रोजाना बुलाएगा तो बच्चों पर भी संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाएगा।

—कोट्स–

सरकार स्कूल बंद करने का फैसला लेगी, तभी ही स्कूल बंद होंगे। इससे पहले हम कोई फैसला नहीं ले सकते। यह समय परीक्षाओं का भी है। विद्यार्थियों को पढ़ाई करवाना भी जरूरी है। इसके अलावा शिक्षा विभाग द्वारा पूरी सामाजिक के साथ कार्य किया जा रहा है।

इकबाल सिंह बुट्टर, उपजिला शिक्षा अधिकारी तीन कोरोना पाजिटिव की मौत

बठिडा के एक निजी अस्पताल में दाखिल कोरोना पाजिटिव मरीज की मौत हो गई। इसी तरह डीएससी लुधियाना में कोरोना पाजिटिव मरीज को 18 नंवबर को दाखिल करवाया गया था, जिसकी 24 नवंबर की रात को कोरोना कारण मौत हो गई। इसके अलावा सीएमसी लुधियाना में कोरोना पाजिटिव को 16 नवंबर को दाखिल करवाया गया था, जिसका 24 नवंबर की रात निधन हो गया था।

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