ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जीवन में ग्रह और नक्षत्रों का विशेष महत्व होता है। सनातन धर्म में कोई भी मांगलिक कार्य ग्रह और नक्षत्रों के अनुसार शुभ घड़ी देखकर ही किया जाता है। ज्योतिषाचार्य पंचांग में से ग्रह नक्षत्रों की गणना के आधार पर शुभ मुहूर्त तय करते हैं, ऐसे में कई शुभ योग भी बनते हैं। आज हम सर्वार्थ सिद्धि योग की बात करने जा रहे हैं।
क्या होता है सर्वार्थ सिद्धि योग
वार और नक्षत्र का संयोग सर्वार्थ सिद्धि योग कहलाता है। यह योग विशेष वारों को पड़ने वाले विशेष नक्षत्रों के योग से बनता है। सोमवार के दिन यदि रोहिणी, मृगशिरा, पुष्य, अनुराधा और श्रवण नक्षत्र हो तो इसका ज्यादा प्रभाव पड़ता है। वहीं, अगर यह योग गुरुवार और शुक्रवार के दिन बनता है तो इस दिन कोई भी तिथि हो, यह योग नष्ट नहीं होता है।
कब होता है अशुभ
कुछ विशेष तिथियों में सर्वार्थ सिद्धि योग बनने के बाद भी नष्ट हो जाता है। अगर द्वितिया या फिर एकादशी के दिन बन रहा हो तो इसे शुभ नहीं माना जाता है। यह योग अगर मंगलवार और शनिवार के दिन बन रहा हो तो इस योग में लोहा खरीदना अशुभ माना जाता है।
सितंबर में सर्वार्थ सिद्धि योग
सितम्बर 3, 2023, रविवार
सितम्बर 5, 2023, मंगलवार
सितम्बर 6, 2023, बुधवार
सितम्बर 10, 2023, रविवार
सितम्बर 11, 2023, सोमवार
सितम्बर 12, 2023, मंगलवार
सितम्बर 17, 2023, रविवार
सितम्बर 20, 2023, बुधवार
सितम्बर 21, 2023, बृहस्पतिवार
सितम्बर 24, 2023, रविवार
सितम्बर 25, 2023, सोमवार
सितम्बर 29, 2023, शुक्रवार