फिरोजपुर में बीएसएफ जवानों द्वारा हेरोइन के साथ पकड़े गए जालंधर देहात पुलिस के 2 कर्मचारियों पर एसएसपी मुखविंदर सिंह भुल्लर ने स्पष्टीकरण दिया है। उन्होंने कहा कि पुलिस कर्मचारी ऑपरेशन के तहत हेरोइन रिकवर करने के लिए गए थे। जब वह लौट रहे थे तो नशा तस्करों ने गांव वालों को भड़का दिया और वे उनके पीछे लग गए।
एसएसपी भुल्लर ने कहा कि पुलिस मुलाजिमों ने अपने आप को सेफ करने के लिए खुद ही कार बीएसएफ के नाके पर जाकर रोकी थी। पाकिस्तान से 50 किलो हेरोइन मंगाने वाले तस्कर मलकीत सिंह ने पुलिस को बताया था कि उसने 2 किलो हेरोइन मिट्टी में डबा रखी है यदि उसे आज नहीं निकाला गया तो तस्कर उसे निकालकर ले जाएंगे। इसी निशानदेही पर पुलिस कर्मचारी हेरोइन की रिकवरी करने के लिए गए थे।
SSP ने कहा कि पानी के रूट से पाकिस्तान से जो 50 किलो हेरोइन आई थी, जिसमें 14 किलोग्राम की रिकवरी अमृतसर से हुई थी। उसके बाद जालंधर देहाती पुलिस ने जोगा सिंह को पकड़कर 8 किलो हेरोइन की रिकवरी थी। इस पूरे मामले का मास्टरमाइंड मलकीत उर्फ काली को गिरफ्तार करके 9 किलो हेरोइन बरामद की थी और उससे पूछताछ के बाद उसकी निशानदेही पर 12 किलो और हेरोइन बरामद की थी।
उन्होंने कहा कि करीब एक महीने से हेरोइन को रिकवर करने के लिए ऑपरेशन चलाया जा रहा है और अब तक 23 किलो हीरोइन बरामद हो चुकी। उनकी टीम पहले से फिरोजपुर में थी। SHO से कहा गया था कि जल्दी काली के गांव जाओ और लोकल पुलिस से बात कर वहां से हेरोइन की रिकवरी कर लाओ। हमारी टीम ने वहां पर पहुंच कर 2 किलो हीरोइन बरामद की है।
जब पुलिस के दो मुलाजिम हेरोइन रिकवर करके लौट रहे थे तो इसकी भनक तस्करों के साथ-साथ गांव में लोगों को भी लग गई। तस्करों ने गांव वालों को उकसाया और उन्हें पुलिस के पीछे लगा दिया। इस बारे में स्पेशल ऑपरेशन सेल को भी बता दिया है और जिन लोगों ने पुलिस के काम में खलल डाल पुलिस के नाम को बदनाम करने की कोशिश की है उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।