नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया के दोषी विनय शर्मा की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उसने दया याचिका को खारिज करने के फैसले को चुनौती दी थी। इस तरह से अब निर्भया के तीन दोषियों के सभी कानूनी विकल्प पूरी तरह से खत्म हो गए हैं।
अदालत ने इस मामले पर फैसला सुनाते हुए कहा कि विनय की मेडिकल रिपोर्ट कहती है कि वह शारिरीक रूप से स्वस्थ्य है और उसका स्वास्थ्य एक समान बना हुआ है। यह कारण देते हुए अदालत ने विनय की याचिका खारिज कर दी।
उन्होंने आरोप लगाया कि भारत में पहली बार चार युवाओं को फांसी दी जा रही है, जिनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं रहा है। इस पर अदालत ने वकील को फटकार लगाते हुए कहा कि वह कानूनी बिंदुओं पर ही बात करें। तब एपी सिंह ने अदालत से कहा, विनय का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है, वह आदतन अपराधी नहीं है, बल्कि एक खेती करने वाले परिवार से है।
वहीं, वकील एपी सिंह ने कहा कि मैं अन्याय को रोकना चाहता हूं, आधिकारिक फाइल पर गृह मंत्री और एलजी के दस्तखत का नहीं हैं, इसलिए मैं फाइल का निरीक्षण करना चाहता हूं।