मुंबई

लंबे अंतराल के बाद इरफान ने बड़े पर्दे पर वापसी की है। फिल्म अंग्रेजी मीडियम के जरिए। यह उनकी हिट फिल्म हिंदी मीडियम की अगली किस्त है। अंग्रेजी मीडियम सीक्वल नहीं है, क्योंकि इसकी कहानी वहां से शुरू नहीं होती, जहां हिंदी मीडियम की खत्म हुई थी। दोनों फिल्मों में इरफान और दीपक डोबरियाल हैं, लेकिन उनके किरदार की पृष्ठभूमि अलग है। अब वे दिल्ली से उदयपुर पहुंच गए हैं। हालांकि दोनों फिल्मों का केंद्रीय विषय शिक्षा ही है, लेकिन कहानी और किरदार बदल गए हैं।

कहानी

चंपक बंसल (इरफान) उदयपुर में अपनी बेटी तारिका (राधिका मदान) उर्फ तरू के साथ रहता है। उसकी मिठाइयों की खानदानी दुकान है। गोपी (दीपक डोबरियाल) उसका कजिन है। चंपक और गोपी में खूब लड़ाइयां होती है, लेकिन वे एक दूसरे के बिना रह भी नहीं पाते। इनका ए क दोस्त है गज्जू (कीकू शारदा)। तीनों की केमिस्ट्री बहुत मजेदार है। तरु लंदन जाकर पढ़ाई करना चाहती है। उसे स्कूल की तरफ से लंदन की ट्रूफोर्ड यूनिवर्सिटी में जाकर पढ़ने का चांस मिलता है, लेकिन चंपक की एक बेवकूफी से वह चांस हाथ से चला जाता है। तरु को लगता है कि चंपक ने ऐसा जान – बूझकर किया है, क्योंकि वह नहीं चाहता कि तरु उससे दूर जाए। चंपक उससे वादा करता है कि वह उसे किसी कीमत पर पढ़ने के लिए लंदन भेजेगा। लेकिन उसके लिए बहुत पैसों की जरूरत पड़ती है। चंपक अपना सब कुछ दांव पर लगा देता है।
चंपक, गोपी अपने दोस्त बबलू (रणवीर शौरी) के झांसे में आकर तरु के साथ लंदन पहुंच जाते हैं। लेकिन चंपक और गोपी के अंग्रेजी  न जानने की वजह से इमिग्रेशन अधिकारियों को  ऐसी गलतफहमी होती है कि वे दोनों को ब्लैकलिस्ट कर वापस भारत भेज देते हैं। तरु लंदन में अकेली पड़ जाती है। गज्जू के एक कजिन टोनी (पंकज त्रिपाठी) की मदद से दोनों किसी तरह फिर लंदन पहुंच जाते हैं। वहां उनकी मुलाकात पुलिस ऑफिसर नैना (करीना कपूर) और उसकी मां मिसेज कोहली (डिंपल कपाड़िया) से होती है।

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