गुरूद्वारा भोरा साहिब में सिदकी सिख गुलाब सिंह के सलाना समागम में नतमस्तक हुए र्स्वणकारों को प्रबंधक कमेटी ने सरोपे दे कर सम्मानित किया

0
315

बठिंडा:-र्स्वणकार संघ के हैड आफिस बठिंडा में भारतीय र्स्वणकार सेवा सोसाईटी के जिला प्रधान हरपाल खुरमी तथा र्स्वणकार संघ के जिला प्रधान मनमोहन कुक्कू की प्रधानगी में मीटिंग की गई। मीटिंग के मुख्य विषय अनुसार र्स्वणकारों बरादरी से संबंधित महान शख्सियत के जीवन तथा उनके द्वारा दी गई शिक्षाओं, कुर्बानीयों पर विचार विर्मश किया गए। इस मौके विषेश तौर पहुंचे र्स्वणकार संघ के नैशनल और स्टेट प्रैजीडैंट करतार जौड़ा ने कहा कि उनके समाज के विद्ववान तथा आदरणीय लेखक डा गुरचरन सिंह ने अपने जीवन मे करीब 25 किताबें लिखी है। पीर पैगंबरों की इस धरती पर र्स्वणकार/सोनी समाज में भी महापुरूषों ने जन्म लिए है। डा गुरचरन द्वारा र्स्वणकारों बरादरी से संबंधित इतिहास की खोज पड़ताल करने पश्चात तथ्यों के अधार पर लिखी पुस्तक महान र्स्वणकारों तथा और पुस्तकों में र्स्वणकार समाज की महान शख्सियत की भक्तियां, शक्तियां, शिक्षाएं तथा कुरबानीयों की जीवनीया लिखी है। डा गुरचरन द्वारा बताए तथ्यों अनुसार गुलाब सिंह, जवाहर सिंह जड़ीया, गुरदित्ता सिंह, बाबा गोरख नाथ, दिवान टोडर मल जौहरी, प्रताप सिंह कड़वल, संत बाबा अजमेर सिंह, भगत नरहरी सुनार, भगत केशो राम, भगत त्रिलोक, भगत अमरीक तथा और महान व्यक्ति र्स्वणकार/ सोनी राजपूत समाज से संबंधित है। जौड़ा ने बताया कि सोने का काम करने वाला महान सिदकी सिख गुलाब सिंह जोकि आनंदपुर साहिब से अमृत छक के सिख सजा था उनको मुगल राज्य के नवाब नबी खां ने हकूमत के नशे मे कैद कर जमीन मे बने भोरे मे कैद करवा दिया था। इस समय गुलाब सिंह जी के साथ अमृत छकने समय साथी जस्सा सिंह ने सरसा मे जाकर श्री गुरू गोबिंद सिंह जी को बताया तो गुरू जी पांच सिखो को लेकर खुडाल पहुंचे और गुलाब सिंह को भोरे से निकाल कर अपने साथ लगा कर आशीर्वाद दिए। इस पवित्र स्थान पर गुरूद्वारा भोरा साहिब गांव अकबरपुर खुडाल, नजदीक बरेटा मंडी, जिला मानसा मे सिदकी सिख गुलाब सिंह र्स्वणकार सेवा सोसाईटी प्रधान परमजीत सिंह तथा लोकल प्रंबंधक कमेटी की ओर से वार्षिक समागम करवाए जाते है। जौड़ा ने उन सभी महान शख्सियत को प्रणाम किया तथा देश की र्स्वणकार बिरादरी के सभी मैंबरो से विनती की कि इतिहास मे सुनहरी अक्षरों से लिखे हुए र्स्वणकार बिरादरी की महान शशयतों के जीवन, कुर्बानीयां, शहीदीयां तथा जोति-जोत की यादों को ताजा रखने के लिए उनके द्वारा दी गई शिक्षाएं तथा पदचिंहों पर चलने के लिए योग कदम उठाते राज्य स्तर पर सलाना समागम किए जाए।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here