मुख्यमंत्री का काले झंडे दिखाकर विरोध:कच्चे कर्मचारियों की रेगुलर करने की मांग

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पुलिस ने बसों का बैरिकेड लगा कर घेरा

बठिंडा, धीरज गर्ग

बठिंडा पहुंचे सीएम भगवंत मान का ठेका मुलाजिम संघर्ष मोर्चा (पंजाब) के नेतृत्व में विभिन्न सरकारी विभागों के आउटसोर्स और इनलिस्टमेंट ठेका कर्मचारियों ने काले झंडे दिखाकर विरोध किया। पुलिस ने विरोध में उतरे कर्मचारियों को DAV कॉलेज के गेट पर बसों का बैरिकेड बनाकर रोका। कर्मचारियों ने मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की।सभी कच्चे कर्मचारी ‘खेड़ां वतन पंजाब दियां’ सीजन-2 के उद्घाटन पर मुख्यमंत्री भगवंत मान से मिलकर उन्हें आपबीती बताना चाहते थे। लेकिन पुलिस ने उन्हें बीच रास्ते में बसों के बैरिकेड लगाकर रोक लिया। मोर्चे के जिला प्रतिनिधियों में जगरूप सिंह लहिरा, गुरविंदर सिंह पन्नू, जसवीर सिंह जस्सी, चमकौर सिंह, संदीप खान बालियांवाली, सतनाम सिंह खियाला, खुशदीप सिंह, जगसीर सिंह भंगु और हरजिंदर बराड़ आदि शामिल रहे।

15-20 साल से कच्चे कर्मचारी अभी रेगुलर नहीं
प्रतिनिधियों ने कहा कि पंजाब की AAP सरकार भी पहली सरकारों की तरह ही आउटसोर्स और इनलिस्टमैंट ठेका कर्मचारियों को पक्का करने के लिए सब-कमेटियों का गठन कर केवल समय बिता रही है। विभिन्न सरकारी विभागों जैसे- सरकारी थर्मल प्लांट, जल सप्लाई एवं सेनिटेशन, पावरकॉम और ट्रांसको समेत समूह हाईडल प्रोजेक्ट, वाटर सप्लाई और सीवरेज बोर्ड, वेरका मिल्क और कैटल फीड प्लांट, पीडबल्यूडी, इलेक्ट्रिकल विंग, लोक संपर्क विभाग और स्वास्थ्य विभाग आदि में बीते करीब 20 सालों से लगातार काम कर रहे ठेका कर्मचारियों को रेगुलर नहीं किया गया।

जिला प्रतिनिधियों ने कहा कि AAP सरकार ने अपने डेढ़ साल के कार्यकाल के दौरान आउटसोर्स और सूचीबद्ध ठेका कर्मचारियों को रेगुलर करने संबंधी कोई नीति नहीं बनाई है। इससे स्पष्ट है कि AAP सरकार भी कच्चे कर्मचारियों से धोखा कर रही है। इसी रोष व्याप्त समूह विभागों के कच्चे कर्मचारी आज विरोध करने को मजबूर हुए हैं।

यह हैं कर्मचारियों की मांगे
जिला प्रतिनिधियों ने पंजाब सरकार से उन्हें पहल के आधार पर विभागों में मर्ज कर रेगुलर करने की मांग की। साथ ही पंद्रहवीं लेबर कॉन्फ्रेंस के फार्मूले और आज की महंगाई के अनुसार एक ठेका कर्मचारी का वेतन कम से कम तीस हजार रुपए निश्चित करने की मांग की। ड्यूटी के दौरान जान गंवा चुके ठेका कर्मियों के वारिसों को पचास लाख रुपए मुआवजा और सरकारी नौकरी दिए जाने की मांग भी की।

इसके अलावा समूह सरकारी विभागों के निजीकरण की नीति को रद्द करने की मांग की गई। कर्मचारियों ने कहा कि उन्हें रेगुलर नहीं किए जाने तक पंजाब भर में मुख्यमंत्री पंजाब का काले झंडो के साथ विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा ।

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