करीब दो सौ करोड़ के बजट वाली ऐक्शन मूवी ‘वॉर’ भी प्रदर्शित हुई है। एक ही फ्रेम में जब रितिक रोशन और टाइगर श्रॉफ जैसे दो हैंडसम मसल मैन हों, तो जांबाजी के साथ ऐक्शन लेकर उम्मीदें आसमान छूना लाजमी है।
इसमें कोई शक नहीं कि रितिक और टाइगर ने ऐक्शन के मामले में अब तक का अपना बेस्ट दिया है। हां अगर कहानी दमदार होती,तो किसी भी हॉलिवुड की फिल्म को टक्कर देने में समर्थ रहती।
सीक्रेट सोल्जर कबीर (रितिक रोशन) की, जो देश को अपनी जान से भी ज्यादा मानता है। अपने सिर से अपने पिता द्वारा की गई गद्दारी के पाप को धोने के लिए खालिद (टाइगर श्रॉफ) कबीर के अंडर ट्रेनिंग लेकर देशभक्ति की मिसाल कायम करना चाहता है। उसकी इस पहल में उसका चीफ (आशुतोष राणा ) और उसकी अम्मी (सोनी राजदान) उसे हिम्मत देते हैं। कबीर उसे अपने एक सीक्रेट मिशन में शामिल कर लेता है, जहां उन्हें देश के दुश्मन इल्यासी को जिंदा पकड़ना है। अपनी ही टीम के एक सिपाही के विश्वासघात के बाद कबीर का मिशन फेल हो जाता है और उसके बाद कबीर इल्यासी को पकड़ने के लिए दूसरा जाल बुनता है।
इसका ऐक्शन, स्वैग और स्टाइल ‘फास्ट एंड फ्यूरियस’ जैसी ऐक्शन ओरिएंटेड फिल्मों की याद दिलाता है। फिल्म के ऐक्शन को सी यंग ओ, परवेज शेख, फ्रांज और पॉल जेनिंग्ज ने लाजवाब ढंग से डिजाइन किया है। डांस, ऐक्शन, मनोरम लोकेशंस और कार चेज के दृश्य दर्शनीय हैं।
फिल्म में दर्शक का हमेशा एक साइड होता है. वो हीरो के साथ होता है और विलेन से नफरत करता है. लेकिन जब आपके दोनों हीरो ही एक दूसरे से ‘वॉर’ करें तो फिर आप किधर होंगे. कुछ पिटने वाले से हमदर्दी दिखाएंगे तो कुछ पीटने वाले से प्यार…’वॉर’ के मे कर्स ने दर्शकों की इसी नब्ज को पकड़ा है. फिल्म में फोकस कहानी पर नहीं बल्कि सिर्फ एक्शन पर है. लेकिन दर्शक इसी कहानी में खुद को कभी इधर तो कभी उधर ढूढता है. इसी वजह से फिल्म की कहानी कुछ खास ना होते हुए भी ये ‘वॉर’ शानदार लगती है.
ऐक्शन फिल्मों के शौकीन और रितिक-टाइगर के फैंस यह फिल्म देख सकते हैं।