चंद्रयान-3 की लैंडिंग के बाद छह पहियों और 26 किलो वाले प्रज्ञान रोवर ने चंद्रमा की सतह पर घूमना शुरू कर दिया है। करीब 14 घंटे बाद गुरुवार सुबह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने रोवर के बाहर आने की पुष्टि की। हालांकि, INSPACE चेयरमैन पवन के गोएनका ने देर रात ही प्रज्ञान रोवर की रैंप से बाहर निकलते हुए तस्वीर शेयर की थी।
चांद की सतह पर आते ही रोवर ने सबसे पहले अपने सोलर पैनल खोले। ये 1 सेमी/सेकंड की गति से चलता है और अपने आस-पास की चीजों को स्कैन करने के लिए नेविगेशन कैमरों का इस्तेमाल कर रहा है। रोवर अगले 12 दिन में करीब आधा किलोमीटर का सफर तय करेगा। इसमें दो पेलोड लगे हैं जो पानी और अन्य कीमती धातुओं की खोज में मदद करेंगे।
अगले 12 दिनों के दौरान रोवर डेटा जमा करेगा और इसे लैंडर को भेजेगा। लैंडर इस डेटा को पृथ्वी तक पहुंचाएगा। डेटा पहुंचाने में चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर की भी मदद ली जाएगी। चंद्रयान-3 को आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा से 14 जुलाई को लॉन्च किया गया था। इसे चांद की सतह पर लैंडिंग करने में 41 दिन लगे। लैंडर बुधवार शाम 6:04 बजे पर चांद पर उतरा था।
चंद्रयान-3 मिशन के तीन हिस्से है। प्रोपल्शन मॉड्यूल, लैंडर और रोवर। इनपर कुच 6 पेलोड लगे हैं। एक पेलोड जिसका नाम शेप है वो चंद्रयान-3 के प्रोपल्शन मॉड्यूल पर लगा है। ये चंद्रमा की कक्षा में चक्कर लगाकर धरती से आने वाले रिडेएशन की जांच कर रहा है। वहीं लैंडर पर तीन पेलोड लगे हैं। रंभा, चास्टे और इल्सा। प्रज्ञान पर दो पेलोड है।