चंडीगढ़ | पंजाब यूनिवर्सिटी (PU) छात्र संघ चुनाव में NSUI के प्रधान जतिंदर सिंह 603 वोटो से जीते हैं। उन्होंने आम आदमी पार्टी के छात्र संघ CYSS को मात दी है। जो की पिछले साल 600 से ज्यादा वोटों से जीते थे। राजनीतिक जानकारों की माने तो 6 साल बाद एनएसयूआई के प्रधान की जीत कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का ही कमाल है। यूनिवर्सिटी के इन चुनाव नतीजों का असर चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा में अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में भी देखा जाएगा।

पिछले साल पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद हुए पंजाब यूनिवर्सिटी के चुनावों में इसका असर देखा गया था। यहां पर प्रधान पद के लिए CYSS का उम्मीदवार जीता था। लेकिन 1 साल बाद ही जितनी वोटों से उनका उम्मीदवार जीता था, करीब उतनी ही वोटों से इस बार हार गया है। इसकी मुख्य वजह उनका वीआईपी कल्चर बताया जा रहा है। पार्टी के एमएलए और मंत्री बार-बार छात्र संघ के कार्यक्रमों में पंजाब यूनिवर्सिटी आ रहे थे। इसका दूसरे सभी छात्र दल विरोध भी कर रहे थे। माना जा रहा है कि इसी कल्चर से खफा होकर छात्रों ने उनके खिलाफ मतदान किया है।

चुनाव से 2 दिन पहले CYSS के कुछ छात्रों ने PUSU के छात्रसंघ अध्यक्ष पद के उम्मीदवार देवेंद्र पाल के साथ मारपीट के आरोप लगाए थे। इस मारपीट के दौरान उसकी पगड़ी सिर से गिर गई थी। इस घटना का सभी छात्र संगठनों ने एकजुट होकर विरोध किया था। इसका असर भी CYSS के खिलाफ गया है।

NSUI उम्मीदवार जतिंदर सिंह इन चुनावों से पहले एबीवीपी के छात्र नेता थे। वह काफी समय से एबीवीपी के लिए काम कर रहे थे और संगठन में उन्होंने अच्छी पकड़ बना ली थी। लेकिन छात्र संघ चुनाव में प्रधान उम्मीदवार घोषित न होने की उम्मीद के कारण उन्होंने चुनाव से कुछ दिन पहले ही एनएसयूआई का दामन थामा था। इस कारण जो ABVP में उनके समर्थक थे, उनकी वोटों का फायदा भी उन्हें मिला है।

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