वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार 2.0 का दूसरा बजट (Budget 2020) पेश कर दिया है. वित्त मंत्री ने इस बजट में टैक्स पेयर्स और नौकरीपेशा लोगों के लिए बड़ा ऐलान किया है. इस बजट में का कायापलट कर दिया गया है. इनकम टैक्स स्लैब को पांच हिस्सों में बांटा गया है. नए बदलाव के बाद अब पांच लाख रुपये तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. वहीं, 15 लाख रुपये की आमदनी पर 25 फीसदी टैक्स लगेगा. अभी तक 15 लाख रुपये की कमाई पर 30 फीसदी टैक्स लगता है.
सरकार के बड़े बदलाव के बाद अब इनकम टैक्स के 5 स्लैब होंगे:-
पहला– 5 से 7.5 लाख तक की कमाई पर 10% टैक्स
दूसरा– 7.5 से 10 लाख रुपये तक की कमाई पर 15% टैक्स
तीसरा– 10 से 12.5 लाख तक की कमाई पर 20% टैक्स
चौथा– 12.5 से 15 लाख तक की कमाई पर 25% टैक्स
पांचवा– 15 लाख और अधिक से ऊपर की कमाई पर 30% टैक्सनया बदलाव शर्तों के साथ
हालांकि, नया बदलाव शर्तों के साथ है. इसके लिए आपको निवेश पर मिलने वाले छूट का लाभ छोड़ना होगा. अगर आप निवेश में छूट लेते हैं, तो टैक्स की पुरानी दर ही मान्य होगी. कुल मिलाकर 15 लाख रुपये कमाने वाले को 78 हजार रुपये का फायदा संभावित है.
अभी कितना है स्लैब
अभी मौजूदा टैक्स स्लैब के मुताबिक 2.5-5 लाख रुपये की सालाना कमाई पर 5 फीसदी टैक्स देना होता है. इसी तरह 5-10 लाख रुपये पर 20 फीसदी, जबकि 10 लाख और उससे अधिक की कमाई पर 30 फीसदी टैक्स का प्रावधान है.
टैक्स को लेकर किसी को परेशान नहीं किया जाएगा, टैक्स पेयर चार्टर बनेगा
वित्त मंत्री ने कहा कि टैक्स को लेकर किसी को परेशान नहीं किया जाएगा. कानून के तहत टैक्स पेयर चार्टर लाया जाएगा. लोगों के मन से टैक्स को लेकर डर खत्म किया जाएगा. टैक्स कलेक्शन के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का इस्तेमाल किया जाएगा. कुल मिलकार सरकार करदाता को उत्पीड़न से बचाएगी. वहीं, टैक्स की चोरी करने वालों के लिए कानून सख्त किया जाएगा.
पिछले बजट में सरकार ने करदाताओं को 2.5 लाख की टैक्स री-बेट दी थी
निर्मला सीतारमण ने बताया कि वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान 60 लाख नए टैक्सपेयर जुड़े हैं. इस दौरान 40 करोड़ से ज्यादा इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल किए गए. पिछले बजट में सरकार ने 2.5 लाख रुपये तक की आय को टैक्स फ्री रखा था. वहीं, 2.5 लाख से 5 लाख तक की आय पर 5 फीसदी टैक्स निर्धारित किया था. इसके अलावा 5 लाख से 10 लाख तक की आय पर 20 फीसदी और 10 लाख से ज्यादा की आय पर 30 फीसदी टैक्स की घोषणा की गई थी.