वाशिंगटन
अमेरिका में विश्वविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों के बंद होने से भारतीय छात्र दोहरी मुसीबत में फंस गए हैं। एक तरफ तो उन्हें छात्रावास खाली करने को कहा गया है और दूसरी तरफ भारत और अमेरिका में यात्रा पाबंदियां लगी होने से वे कहीं आने-जाने के नहीं रहे हैं। ऐसे में भारतीय दूतावास ने अमेरिकी सरकार से भारत के छात्रों की परेशानियां दूर करने का आग्रह किया है।

अमेरिका ने शैक्षिक संस्थान बंद करने का फैसला कोरोना वायरस का प्रसार रोकने के मद्देनजर लिया है। जबकि अमेरिका में दो लाख से भी ज्यादा भारतीय छात्र विभिन्न अकादमिक संस्थानों में विज्ञान, चिकित्सा और तकनीकी क्षेत्रों में पढ़ाई कर रहे हैं।

300 से ज्यादा शीर्ष अमेरिकी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में ऑनलाइन कक्षाएं शुरू करते हुए छात्रों से छात्रावास छोड़ने को कहा है। लेकिन दोनों देशों में यात्रा प्रतिबंध लगे होने और सिर्फ कक्षाओं के लिए ही अमेरिका में रहने की अनुमति देने वाली शर्तों के कारण भारतीय छात्र मुश्किल में फंस गए हैं।

अमेरिकी शहरों में पिछले कई दिनों से हेल्पलाइन चला रहे भारतीय दूतावास और उसके पांच वाणिज्य दूतावासों ने यूएस के विदेश मंत्रालय और नागरिकता व आव्रजन सेवाओं से संपर्क किया है ताकि भारत के छात्रों को यहां रहने को लेकर मुश्किलों का सामना न करना पड़े।

अमेरिकी सरकार की करीबी नजर
वाशिंगटन डीसी में भारतीय दूतावास ने यहां भारतीय छात्रों के लिए जारी संशोधित परामर्श में कहा, ‘अमेरिकी सरकार ने संकेत दिया है कि वह विदेशी छात्रों के लिए पैदा हुई स्थिति पर करीबी नजर रख रही है।’ परामर्श में कहा गया है कि स्टूडेंट एंड एक्सचेंज विजिटर प्रोग्राम (एसईवीपी) अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए दूरस्थ शिक्षा पर मार्गदर्शन देना जारी रखेगा।

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