चंडीगढ़ 

राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) द्वारा  घग्गर नदी में प्रदूषण की जांच के लिए गठित एक पैनल ने पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ की 15 औद्योगिक इकाइयों पर  4.15 करोड़ का जुर्माना ठोका है। न्यायमूर्ति प्रीतम पाल (retd) की अध्यक्षता वाले पैनल ने 8 जनवरी को NGT को सौंपी गई अपनी रिपोर्ट में संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के उद्योगों का निरीक्षण निरंतर करने के निर्देश दिए हैं। इसने पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से नदी के हिस्सों से ठोस अपशिष्ट हटाने के लिए भी कहा है।

पैनल ने पीपीसीबी को पटियाला और मोहाली में चार औद्योगिक इकाइयों पर 1.9 करोड़ पर्यावरण मुआवजा देने की सिफारिश की है। इसने पीसीसीबी के अध्यक्ष को पटियाला के हमजहेड़ी गांव में पिकाडिली सुगर एंड एलाइड इंडस्ट्रीज लिमिटेड पर 1 करोड़ का जुर्माना लगाने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा पैनल ने जल अधिनियम, 1974 के प्रावधानों के तहत उद्योगों को काम करने की सहमति देने की भी सिफारिश की है। इसने पंजाब स्टेट पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (PSPCL) को निर्देश दिया कि वह उल्लंघनकर्ताओं के बिजली कनेक्शन को काट दे।पैनल ने भंडारी एक्सपोर्ट्स पर  25 लाख, सरसिनी गांव में टीसी टेरीटेक्स लिमिटेड, और मोहाली के डेराबस्सी उप-मंडल में टोक फार्मास्यूटिकल्स पर 40 लाख का जुर्माना लगाने की सिफारिश की है। यह भी निर्देश दिया कि जुर्माने की राशि का उपयोग पर्यावरण की बहाली के लिए किया जाना चाहिए।

पैनल ने हिमाचल प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष को राज्य में चार औद्योगिक इकाइयों पर 1.2 करोड़ का जुर्माना लगाने की सिफारिश की है। रूचिरा पेपर्स लिमिटेड, काला अंब पर 50 लाख और सर्व बोई लैब प्राइवेट लिमिटेड, काला अंब पर 20 लाख का जुर्माना ठोका है। गैब्रियल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड पर खतरनाक अपशिष्ट प्रबंधन नियमों के नियमों का उल्लंघन करने और टैफे मोटर्स एंड ट्रैक्टर्स लिमिटेड (परवाणू ) पर जल अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करने पर 35 लाख का जुर्माना लगाया गया है।

पैनल ने चंडीगढ़ प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष को जल अधिनियम के प्रावधान का उल्लंघन करने पर चार इकाइयों पर 50 लाख जुर्माना लगाने की सिफारिश की। अशोक फर्नीचर को, 15 लाख, अतुल उद्योग को 5 लाख, जय अम्बे इस्पात उद्योग को 10 लाख और  ग्रोज़ बेकर एशिया प्राइवेट लिमिटेड को 20 लाख का भुगतान करने के लिए कहा गया है। पैनल ने हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष को पंचकूला की तीन इकाइयों पर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के लिए 55 लाख मुआवजा देने के निर्देश जारी किए हैं। जिसमें वीएमस मेटल पर 15 लाख, डायनामिक एंटरप्राइजेज और होरोमेट्रिकल डिवाइसेस पर 20-20 लाख जुर्माना अदा करने  की सिफारिश की गई है।

पैनल ने सिफारिश की है कि पीपीसीबी और जल संसाधन विभाग संयुक्त रूप से घग्गर और उसकी सहायक नदियों का सर्वेक्षण करेंगे और उन हिस्सों की पहचान करेंगे जहां ठोस कचरा डंप पड़ा है। सर्वेक्षण 31 मार्च तक पूरा होने की संभावना है। इसी तरह, पैनल ने हरियाणा सरकार को इस साल 31 मार्च तक घग्गर और सहायक नदियों के हिस्सों पर पड़े ठोस कचरे को साफ करने की सिफारिश की है। इसमें पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ के प्रदूषण नियंत्रण निकायों को निर्देशित किया कि वे उद्योगों के नियमित निरीक्षण और औचक निरीक्षण की प्रक्रिया में वृद्धि करें। पैनल ने पाया कि चंडीगढ़ के जिला-स्तरीय विशेष टास्क फोर्स ने अक्टूबर से दिसंबर 2019 के महीनों के दौरान किसी भी उद्योग का निरीक्षण नहीं किया है। पैनल ने सिफारिश की है कि जिला-स्तरीय विशेष कार्य बल (डीएलएसटीएफ) उद्योगों और अन्य प्रदूषण स्रोतों का निरीक्षण भी करेगा और दोषी उद्योगों के खिलाफ कार्रवाई करेगा।

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