अमृतसर । यहां मां द्वारा जंजीरों में बांध कर रखी गई 24 साल की युवती के खुलासों से हड़कंप मच गया है। युवती ने पुलिस और अमीर घर की एक लड़की को लेकर सनसनीखेज खुलासे किए हैं। नशे की दलदल से निकालने के लिए मां ने युवती को जंजीरों से बांध कर रखा हुआ है। उसने पुलिस और एक बड़े घर की लड़की पर नशे को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। युवती ने खुलासा किया कि चंडीगढ़ में एक अमीर घर की लड़की ने उसे नशे की लत लगाई और चंडीगढ़ पुलिस की भी नशे सौदागरों से मिलीभगत है। पुलिस को ड्रग पैडलर के बारे में जानकारी देने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। अमतृसर के सांसद ने युवती की हालत देखी तो वह भी दंग रह गए। उन्होंने युवती की मदद और इलाज कराने का भरोसा दिया।
युवती ने कहा, ‘मैं नशे से हमेशा दूर रहना चाहती थी। चंडीगढ़ में जॉब के दौरान तनाव में रहने लगी थी। बड़े घर की एक लड़की ने मुझे नशे की डोज दिखाकर कहा कि इसे अपने शरीर में उतार लो, सारी चिंताओं का अंत हो जाएगा। नशे की डोज शरीर में उतरते ही दिमाग में मदहोशी छा गई। जो चिंताएं दिमाग में थीं, वह एकाएक गायब हो गईं। बस, इसी एक डोज ने मुझे नशेड़ी बना दिया।’मां ने कहा, ब्यूटी पार्लर में कई लड़कियां काम सीख रही थीं। कुछ बड़े घर की लड़कियां भी ब्यूटी पार्लर में आती थीं। इन्हीं लड़कियों में से एक ने मेरी बेटी को उदास देखा तो कारण पूछा। बेटी ने उससे कहा कि काम कुछ ज्यादा है और कोई बात नहीं। इस लड़की ने मेरी बेटी को परेशानी दूर करने के लिए नशे की डोज दे दी। वह खुद नशे की आदी थी।
मां ने कहा, ‘ब्यूटी पार्लर में काम करने वाली कुछ लड़कियां भी नशा करती थीं। इन्हीं की देखादेखी इसे भी नशे की लत लग गई। धीरे-धीरे बेटी ने नशे की डोज बढ़ा दी। नशा पूर्ति के लिए घर का सामान बेच देती है। एक बार घर से चली जाए तो नशा करके ही लौटती है। आप ही बताइए यदि इसे जंजीर में न बांधूं तो क्या करूं। चंडीगढ़ में ब्यूटी पार्लर में काम करती थी। अच्छा-खासा वेतन मिलता था। हमेशा खुश रहने वाली मेरी बेटी के चेहरे पर आज सिर्फ उदासी है।
शहर के रंजीत एवेन्यू के हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी के सामने एक घर में रहने वाली 24 वर्षीय युवती नशा न मिलने पर छटपटाने लगती है। गरीब मां ने बेटी को नशे से दूर रखने लिए बेबसी में युवती को लोहे की जंजीरों में बांध दिया। छह बहनों में सबसे छोटी यह युवती अब जंजीरों में जकड़े जाने के बाद नशे के लिए तड़प रही है।
युवती की मां ने बताया कि बेटी कुछ समय पहले चंडीगढ़ में नौकरी करती थी। वह वहां एक ब्यूटी पार्लर में काम करती थी। वह इससे परिवार का आर्थिक सहारा बन गई थी। वहां काम करने वाली कुछ अन्य लड़कियां हेरोइन का नशा करती थीं और उन्होंने उसकी बेटी को भी अपनी संगत में ले लिया। इसके बाद वह नशे का ऐसा शिकार हो गई कि उसके लिए इसके बिना एक पल भी रहना मुश्किल हो गया। बेटी की बिगड़ती हालत देख कर वह उसे चंडीगढ़ से यहां घर ले आई।
मां के अनुसार, वह घर का खर्च चला रही थी, लेकिन बाद में उसने पैसे भेजने बंद कर दिए। उन्हें लगा कि शायद चंडीगढ़ में उसका ज्यादा खर्च हो रहा होगा, लेकिन एक दिन जब वह घर आई तो उसकी आंखें लाल थी और होश गुम थे। रात को वह सो गई और अगली सुबह नौ बजे तक नहीं उठी तो उन्हें शक हुआ कि कहीं इसने नशा तो नहीं किया।