नई दिल्ली

सात साल के लंबे इंतजार के बाद 20 मार्च की सुबह निर्भया के चारों गुनहगारों को फांसी हो गई। पूरे देश में इस न्याय को लेकर लोग खुश हैं। दोषियों की फांसी के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने भी ट्वीट कर इंसाफ का स्वागत किया।

उन्होंने लिखा कि आज न्याय हुआ है। महिलाओं की गरिमा और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इसका अत्यधिक महत्व है। हमारी नारी शक्तियों ने हर क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। हमें मिलकर एक ऐसे राष्ट्र का निर्माण करना है, जहां महिला सशक्तीकरण पर ध्यान दिया जाए, जहां समानता और अवसर पर जोर हो।

उनके अलावा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी लोगों को संबोधित किया। उन्होंने सभी से अपील की कि वे संकल्प लें कि देश में दोबारा निर्भया कांड न दोहराया जाए। अरविंद केजरीवाल का कहना है कि निर्भया को न्याय पाने में सात साल लग गए। आज वह दिन है जब सभी लोगों को संकल्प लेना चाहिए कि अब देश में निर्भया जैसी दूसरी घटना नहीं होगी। इसके लिए सभी के स्तर पर काम करने की जरूरत है।
वहीं स्मृति ईरानी ने कहा है कि मैंने इतने सालों में निर्भया की मां का संघर्ष देखा है। हालांकि न्याय पाने में समय लगा, लेकिन आखिरकार न्याय हुआ। यह लोगों को भी संदेश है कि वे कानून से भाग सकते हैं लेकिन हमेशा के लिए इससे बच नहीं सकते। मुझे खुशी है कि न्याय हुआ। मैं आज के दिन दिल की गहराइयों से स्वागत करती हूं कि आखिरकार निर्भया को न्याय मिला। दोषियों को फांसी हर अपराधी के लिए यह संदेश है कि एक न एक दिन कानून आपको पकड़ लेगा।

केंद्रीय गृहराज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने निर्भया के दोषियों की फांसी पर कहा है कि आईपीसी और सीआरपीसी की सभी खामियां इस केस में खुलकर सामने आ गई हैं। ऐसे मामलों में त्वरित सजा मिलनी चाहिए। इसलिए सरकार आईपीसी और सीआरपीसी में बदलाव लाना चाहती है।

वहीं केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि आज के दिन न्यायपालिका, सरकार और समाज को यह विचार करना चाहिए कि मृत्युदंड की सजा पाए दोषियों  को इस तरह सात वर्षों तक न्याय व्यवस्था को बरगलाने की अनुमति दी जानी चाहिए या नहीं? यह चारों वो गुनहगार थे जिन्होंने सबसे घिनौने अपराध को अंजाम दिया था। काश इन्हें पहले ही फांसी हो गई होती।

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