नीरज मंगला ( नवांशहर/बलाचौर)
बीते दिनों दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल की 7वीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या करने वाले युवक का शनिवार को यहां उसके पैतृक गांव सियाना में अंतिम संस्कार कर दिया गया है। इस दौरान जितने भी लोग शामिल हुए, सभी फेस मास्क लगाए हुए थे और पुलिस भी साथ थी। उसकी मां को आइसोलेशन में रखा गया है। कहा जा रहा है कि वह अपनी मां के साथ ऑस्ट्रेलिया से आया था। कोरोना के शक के वजह से उसे सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया था। वहां बाहर जाने से इनकार करने पर उसने 7वीं मंजिल से छलांग लगा दी थी। अंतिम संस्कार के वक्त परिजनों ने अस्पताल प्रशासन और दिल्ली के मीडिया पर कई तरह के आरोप लगाए हैं।
मृतक के दादा और चाचा ने बताया कि वह करीब छह साल पहले पढ़ाई करने के लिए ऑस्ट्रेलिया गया था। कुछ समय पहले उसकी मां उससे मिलने के लिए गई थी। बुधवार को वो दोनों ऑस्ट्रेलिया से लौटे थे। हवाई अड्डे पर सुरक्षा के मद्देनजर दोनों का चेकअप किया गया तो युवक ने सिर में दर्द की बात कही थी। करीब 9 बजे उसे सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया। वहां रात करीब साढ़े 9 बजे उसने अस्पताल की सातवीं मंजिल से कूदकर अपनी जान दे दी।
शनिवार को अंतिम संस्कार के दौरान परिजनों ने कहा कि कोरोना वायरस को रोकने के लिए सरकार द्वारा सख्त कदम तो उठाए जा रहे हैं, लेकिन उनके बेटे ने जिस तरह से कूदकर अपनी जान दी है, यह एक जांच का विषय है। जब उसने और उसने उसकी मां ने साथ रहने की बात की थी तो उन्हें साथ क्यों नहीं रखा गया। इतना ही नहीं, सुबह तक मौत के बारे में परिवार को पता ही नहीं था। लोकल प्रशासन ने भी किसी तरह से परिवार के साथ तालमेल क्यों नहीं बनाया। यहां तक कि उसके सैंपल मौत के बाद लिए गए हैं, वहीं उसकी मां के सैंपल अभी तक भी नहीं लिए जा सके हैं।