फिरोजपुर में सारागढ़ी दिवस पर अखंड साहिब पाठ में शामिल हुए सीएम भगंवत मान

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फिरोजपुर । बैटल ऑफ सारागढ़ी के शूरवीरों को उनकी शहादत दिवस पर श्रद्धांजलि देने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान फिरोजपुर छावनी स्थित सारागढ़ी गुरुद्वारा साहिब पहुंच गए हैं। यहां सबसे पहले उन्होंने प्राणों की आहुति देने वाले 21 योद्धाओं को नमन किया और अखंड साहिब पाठ में शामिल हुए।

इसके बाद वह शहीदों की याद में 2 करोड़ रुपए की लागत से बनाए जाने वाले सारागढ़ी वार मेमोरियल का नींव पत्थर रखेंगे।

फिरोजपुर पहुंचने से पहले सीएम भगवंत मान ने ट्वीट कर लिखा-“सारागढ़ी का युद्ध..अनख का युद्ध लड़ा गया…मैं सारागढ़ी दिवस के अवसर पर 36वीं सिख रेजिमेंट के उन 21 योद्धाओं को हृदय से सलाम करता हूं जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति दी..।”

अफगानिस्तान के गुलिस्तान और लोखार्ट नामक किले महाराजा रणजीत सिंह ने बनवाए थे, जिस पर उस समय अंग्रेजों का कब्जा था और यह नॉर्थ वेस्ट फ्रंटियर स्टेट के अंतर्गत था। इन किलों में संचार के लिए अंग्रेजों ने सारागढ़ी नाम की एक सुरक्षा चौकी बनाई थी।

जहां पर 36वीं सिख रेजिमेंट के 21 जवान तैनात थे। फिरोजपुर गुरुद्वारे पर अंकित व प्राप्त दस्तावेजों के अनुसार अगस्त के अंतिम हफ्ते से 11 सितंबर के बीच विद्रोहियों ने किले पर दर्जनों बार हमले किए। 12 सितंबर की सुबह करीब 12 हजार अफगान पश्तूनों ने लोखार्ट के किले को चारों ओर से घेर लिया।

हमले की शुरुआत होते ही सिग्नल इंचार्ज गुरुमुख सिंह ने ले. कर्नल जॉन होफ्टन को जानकारी दी, लेकिन किले तक तुरंत सहायता पहुंचाना काफी मुश्किल था। लांस नायक लाभ सिंह और भगवान सिंह ने गोली चलाना शुरू कर दिया। हजारों की संख्या में आए पश्तूनों की गोली का पहला शिकार भगवान सिंह बने।

हवलदार ईशर सिंह ने नेतृत्व संभालते हुए अपनी टोली के साथ जो बोले सो निहाल, सत श्री अकाल’ का नारा लगाया और दुश्मन पर टूट पड़े। पश्तूनों से लड़ते-लड़ते सुबह से रात हो गई और अंत में 21 रणबांकुरे शहीद हो गए, इन रणबांकुरों ने करीब 600 अफगान मार गिराए।

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