कोलकाता
केरल, पंजाब, राजस्थान के बाद अब पश्चिम बंगाल चौथा राज्य होगा जहां की विधानसभा आज नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रस्ताव पारित करेगी। पश्चिम बंगाल के संसदीय कार्य मंत्री पार्था चटर्जी ने विधानसभा में दोपहर करीब दो बजे सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया।
West Bengal parliamentary affairs minister Partha Chatterjee tables anti-CAA resolution in Assembly
— Press Trust of India (@PTI_News) January 27, 2020
प्रस्ताव में केंद्र सरकार से सीएए को रद्द करने, राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) की योजनाओं पर काम नहीं करने की अपील की गई है।. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पिछले दिनों दावा किया था कि केंद्र सरकार सिर्फ गैर बीजेपी शासित राज्यों में सीएए को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रही है।
उन्होंने कहा था, “हम तीन महीने पहले एनआरसीए के खिलाफ भी प्रस्ताव पारित कर चुके हैं। हम सीएए के खिलाफ भी प्रस्ताव पारित करेंगे।”
गैर बीजेपी शासित राज्यों की राय से अलग केंद्र सरकार का कहना है कि कोई भी राज्य नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रस्ताव पारित नहीं कर सकता है और यह असंवैधानिक कदम है। CAA तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी के बीच तकरार का नया मुद्दा बन कर उभरा है। एक ओर जहां तृणमूल कांग्रेस कानून का पूरी ताकत के साथ विरोध कर रही है, वहीं दूसरी ओर बीजेपी इसे लागू करने पर जोर दे रही है।
दिसंबर के महीने में संसद से सीएए को मंजूरी मिली थी। जिसके बाद से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लगातार सभाएं कर रही हैं। उन्होंने सीएए को धर्म के आधार पर बांटने वाला बताया है। बीजेपी पश्चिम बंगाल में सीएए के पक्ष में सभाएं कर रही है।