बठिंडा में श्री हजूर साहिब से पहुंचे श्रद्धालुओं व उनके संपर्क में आए 126 लोगों की रिपोर्ट शनिवार को आई, जिसमें से 33 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इससे अब बठिंडा में मरीजों की संख्या 35 हो गई है। इसके अलावा मानसा में श्री हजूर साहिब से लौटे तीन श्रद्धालुओं की कोरोना रिपोर्ट शनिवार को पॉजिटिव आई है, जिन्हें पहले से ही प्रशासन ने क्वारेंटाइन किया हुआ था। जबकि राजस्थान से लौटे गांव मौड़ मंडी के कोरोना के संदिग्ध मरीज ने शनिवार को फरीदकोट के मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
इसकी कोरोना जांच के लिए सैंपल भेजा गया था, मगर रिपोर्ट अभी पेडिंग है। इसकी रिपोर्ट सोमवार तक आने की उम्मीद है। उधर, बठिंडा में अव्यवस्था का आलम यह है कि पिछले 4 दिन पहले भेजे गए सैंपल की रिपोर्ट शनिवार देर रात को मिली है, जबकि 335 के सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे। शनिवार को सेहत विभाग ने 99 नए मरीजों के सैंपल लेकर एक निजी लैब को जांच के लिए भेजे हैं। लेटलतीफी के ये हालात तब हैं जब बठिंडा स्वयं प्रदेश के वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल का विधानसभा क्षेत्र है और केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल का संसदीय इलाका है। फिर भी यहां पर व्यवस्था हालात में कोई सुधार नहीं।
राजस्थान से लौटा था मौड़ खुर्द का संदिग्ध मरीज
गांव मौड़ खुर्द निवासी मन्ना सिंह 28 अप्रैल को राजस्थान के जैसलमेर से फसल कटाई के बाद वापस लौटा था। सेहत विभाग ने उन्हें तलवंडी साबो के कालेज में बने क्वारंटीन सेंटर में रखा था। मगर दूसरे ही दिन उसकी हालत खराब होने पर मन्ना सिंह को फरीदकोट मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया था। यहां पर शनिवार को मन्ना सिंह ने दम तोड़ दिया। अस्पताल प्रबंधन ने मन्ना सिंह का कोरोना जांच के लिए सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिया था, जिसकी रिपोर्ट आनी अभी बाकी है। उधर, मृतक के पोते बिकर सिंह का कहना है कि अगर जांच में वायरस संक्रमण से मौत की पुष्टि हुई तो वह शव घर नहीं लाएंगे।
डीएसपी मौड़ मनोज गोरसी के मुताबिक अप्रैल के पहले सप्ताह में मौड़ खुर्द के कुछ लोगों का ग्रुप राजस्थान के बीकानेर व जैसलमेर में मजदूरी के लिए गए थे, जिसमें 11 लोगों एक ग्रुप जिसमें 4 पुरुष, 5 महिलाएं व 2 बच्चे शामिल थे बीती 25 अप्रैल को वापस मौड़ खुर्द लोट आया था जिसे ग्रामीणों की सूचना मिलने के बाद मौड़ के स्कूल में बने क्वारेंटाइन सेंटर में रखा गया था। जबकि दूसरा ग्रुप जिसमें 9 के करीब लोग थे उन्हें तलवंडी साबो के माता साहिब कौर कॉलेज में बनाए क्वारिन्टाइन सेंटर में रखा गया था। मन्ना सिंह भी इसी ग्रुप में था।
श्री हजूर साहिब से लौटे पति पत्नी समेत 3 पॉजिटिव
दिल्ली के मरकज से मानसा लौटे तब्लीगी जमातियों में से 9 लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव पाए जाने के बाद शनिवार को श्री हजूर साहिब से लौटे तीन श्रद्धालुओं की रिपोर्ट भी पॉजिटिव पाई गई। इनमें गांव कनकवाल के पति पत्नी व गांव अतला का एक व्यक्ति शामिल है। सभी श्रद्धालुओं को आईटीआई बुढलाडा में एकांतवास में रखा गया है। मानसा जिले में कोरोना केसों की संख्या फिर से 12 हो गई है। इससे पहले कोरोना पॉजिटिव केसों में 4 को इलाज के बाद रिपोर्ट नेगेटिव आने पर अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है। इसके अलावा राजस्थान से लौटे मजदूरों समेत अन्य 67 व्यक्तियों की रिपोर्ट आनी अभी बाकी है। सिविल अस्पताल मानसा के एसएमओ डा. अशोक कुमार ने बताया कि कोरोना पॉजिटिव व्यक्तियों को सिविल मानसा में आइसोलेट वार्ड में एकांतवास में रखा जाएगा।
7 घंटे में आने वाली रिपोर्ट में लग गए 4 दिन, अब निजी लैब को भेजे सैंपल
सियासी तौर पर सरगर्म रहने वाले बठिंडा में शासन और प्रशासन की तमाम व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े हो गए हैं। 7 घंटे में आने वाली कोरोना सैंपल की रिपोर्ट आने में 4 दिन लग गए। शनिवार को आई 126 लोगों की रिपाेर्ट में 104 श्रद्धालु व उनके संपर्क में आए व्यक्ति थे। इसके अलावा 68 ड्राइवरों व संपर्क में आए लोगों समेत 335 की रिपोर्ट पटियाला से नहीं आई। शनिवार को सेहत विभाग ने 99 लोगों के और सैंपल निजी लैब को जांच के लिए भेजे हैं। हालांकि बठिंडा में अभी तक श्री हजूर साहिब से आए 35 कोरोना रोगी पॉजिटिव हो गए हैं। जो रिपोर्ट पेंडिंग हैं उन्हें भले ही प्रशासन ने क्वारेंटाइन किया हुआ है, लेकिन रिपोर्ट न आने से संशय बरकरार है।
सेहत विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक बुधवार को 85, वीरवार को 126 और शुक्रवार को 124 सैंपल जांच के लिए भेजा गया (335 सैंपल ) गया, शनिवार शाम तक इनमें से 126 की रिपोर्ट आई। इसके बाद विभाग ने शनिवार को 99 नए सैंपल जांच के लिए निजी लैब को दिए। बठिंडा से सैंपल पहले पटियाला मेडिकल कॉलेज भेजे जाते थे। मगर वहां रश बढ़ने पर इसे पटियाला की बजाए फरीदकोट भेजा जाने लगा। लेकिन यहां भी रिपोर्ट समय पर न मिलने से दोबारा से सैंपल पटियाला भेजे जाने लगे। मगर अब वहां भी अव्यवस्था का आलम है। सिविल सर्जन बठिंडा डा. अमरीक सिंह संधू ने बताया कि इन दिनों कोरोना के सैंपल जांच के लिए अधिक भेजे जा रहे हैं। एक लैब पर कई जिलों का बोझ होता है जिस कारण समस्या आ रही है। रिपोर्ट देरी में आने से मरीजों की पहचान करने में दिक्कत आती है। जिसके चलते विभाग द्वारा लाल पैथ नामक निजी लैब से टेस्ट करवाने की तैयारी में है।