चंडीगढ़
शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने कांग्रेस सरकार पर गांधी परिवार के सिख विरोधी एजैंडे को पूरा करने के लिए हरियाणा के लिए अलग गुरुद्वारा कमेटी का समर्थन करके शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एस.जी.पी.सी.) समेत सिख संस्थाओं को कमजोर करने की साजिश करने का आरोप लगाया है। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा इस संबंधी सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किए ताजा शपथ पत्र को तत्काल वापस लेने की मांग की है।यहां पंजाब राजभवन के बाहर संवाददाताओं को संबोधित करते हुए सुखबीर ने कहा कि हरियाणा में हुड्डा सरकार के समय राज्य में एक अलग कमेटी बनाने का प्रस्ताव पेश करके सिख मामलों में दखल देने की कोशिश की गई थी।
शिरोमणि अकाली दल तथा भाजपा का एक सांझा प्रतिनिधिमंडल सुखबीर बादल तथा मदन मोहन मित्तल के नेतृत्व में पंजाब के राज्यपाल वी.पी. सिंह बदनौर से मिला तथा उनसे अनुरोध किया कि वह राज्य सरकार को इससे संबंधित सुप्रीम कोर्ट में दिया शपथ पत्र तत्काल वापस लेने का निर्देश दें जो यह कहकर हरियाणा सरकार का समर्थन करता है कि हरियाणा सरकार के पास सिख गुरुद्वारा एक्ट 1925 में संशोधन करके कानून बनाने की शक्ति है।प्रतिनिधिमंडल ने कांग्रेस सरकार द्वारा सिख कौम तथा सिख गुरुद्वारों की सेवा संभाल करने वाली संस्था के हितों के साथ खिलवाड़ करने के लिए रची साजिश का पर्दाफाश करने हेतु एक उच्च स्तरीय न्यायिक जांच करवाने की मांग की।
प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से यह भी अनुरोध किया कि वह पंजाब सरकार को निर्देश दें कि वह बहबलकलां के मुख्य गवाह पूर्व सरपंच सुरजीत सिंह को मौत के मुंह में धकेलने के लिए गुरप्रीत सिंह कांगड़, कुशलदीप सिंह ढिल्लों तथा मनजिंद्र सिंह ढिल्लों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करें। उन्होंने कहा कि इस केस को सी.बी.आई. को सौंप देना चाहिए। उन्होंने सुरजीत सिंह के परिवार तथा बेअदबी केसों के सभी गवाहों के लिए सुरक्षा का इंतजाम करने की भी मांग की। प्रतिनिधिमंडल ने कांगड़ तथा ढिल्लों को क्रमश: मंत्रिमंडल तथा मुख्यमंत्री के सलाहकार के पद से हटाए जाने की भी मांग की। प्रतिनिधिमंडल में एस.जी.पी.सी. के अध्यक्ष गोङ्क्षबद सिंह लौंगोवाल, चरणजीत सिंह अटवाल, महेशइंद्र सिंह ग्रेवाल, जनमेजा सिंह सेखों, डा. दलजीत सिंह चीमा के अलावा भाजपा से मदन मोहन मित्तल, राकेश राठौर, प्रवीण बंसल आदि भी शामिल थे।