नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के धरने का आज चौथा दिन है. किसान दिल्ली की सीमा पर 26 नवंबर से प्रदर्शन कर रहे हैं. किसान दिल्ली-हरियाणा की सीमा सिंधु बॉर्डर पर डटे हैं. कुछ किसान दिल्ली के निराकारी समागम मैदान में मौजूद हैं. शनिवार को किसानों ने तय किया है कि वे अभी सिंधु बॉर्डर पर ही प्रदर्शन करेंगे और बुराड़ी के निराकारी समागम मैदान में नहीं जाएंगे. इसके अलावा किसानों ने तय किया है कि वे रोजाना 11 बजे मीटिंग करेंगे और आगे की रणनीति तय करेंगे.
बता दें कि गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा था कि अगर किसान चाहते हैं कि भारत सरकार जल्द बात करे, 3 दिसंबर से पहले बात करे, तो मेरा आपको आश्वासन है कि जैसी ही आप निर्धारित स्थान पर स्थानांतरित हो जाते हैं, उसके दूसरे ही दिन भारत सरकार आपकी समस्याओं और मांगों पर बातचीत के लिए तैयार है.
खुफिया एजेंसी आईबी के दो बड़े अधिकारी सिंधु बॉर्डर पहुचे हैं. सूत्रों के मुताबिक डिप्टी डायरेक्टर लेवल के दो अधिकारी सिंधु बॉर्डर पहुंचे है और हालात का जायजा ले रहे हैं. ये आई अधिकारी दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के साथ भी बातचीत कर रहे हैं.
कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन पर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने कहा है कि केंद्र सरकार को किसानों के साथ बिना शर्त बात करे. बता दें कि गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि अगर किसान बुराड़ी में प्रदर्शन करते हैं तो उनके साथ सरकार तुरंत बात करने को तैयार है.
इस पर सतेंद्र जैन ने कहा कि इसमें कोई कंडीशन थोड़ी लगनी चाहिए कि कब बात करेगी सरकार. बात तुरन्त करनी चाहिए. कंडीशन वाली बात थोड़ी है. देश के किसान, हमारे अन्नदाता हैं. उनसे तुरन्त बात करनी चाहिए और जहां वो चाहें उन्हें बैठने देना चाहिए.
दिल्ली में किसानों के परेशानी पर सतेंद्र जैन ने कहा कि हमें किसानों की परेशानी भी देखनी चाहिए. वो अपने घर से कई सौ किलोमीटर दूर से आये हैं, उनकी परेशानी को देखिए, उनको कितनी परेशानी है. कोई खुशी से नहीं आया है. लोकतंत्र है तो उनको शांतिपूर्ण तरीके से अपनी आवाज रखने का पूरा अधिकार है और वो जहां चाहें अपने अधिकार का प्रयोग कर सकते हैं.
शनिवार को किसानों के प्रतिनिधियों और दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों और आईबी अधिकारियों के बीच 90 मिनट तक लंबी मीटिंग हुई.
दिल्ली पुलिस और आईबी अधिकारियों ने किसानों के प्रतिनिधियों को बताया कि दो बॉर्डर समेत एक नेशनल हाईवे के बंद होने की वजह से दूसरे राज्य से दिल्ली आने वाले लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. किसान नेताओं ने कहा कि उन्हें रामलीला मैदान या जंतर मंतर में प्रदर्शन करने की इजाजत दी जाए.
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली में कोरोना गाइडलाइंस लागू है और इतने ट्रक और ट्रैक्टर्स के साथ प्रदर्शनकारी न तो जंतर-मंतर में आ पाएंगे और न ही रामलीला मैदान में. इसलिए उनके लिए यहां प्रदर्शन कर पाना संभव नहीं है.
बीएसपी अध्यक्ष मायावती के बाद शिवसेना भी प्रदर्शन कर रहे किसानों के पक्ष में आ गई है. शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा है कि जिस तरह से किसानों को दिल्ली में आने से रोका गया है ऐसा लगता है कि वे देश के किसान नहीं बल्कि बाहर के किसान है. उनके साथ आतंकवादी जैसा बर्ताव किया गया है. इस तरह का बर्ताव करना देश के किसानों का अपमान करना है.
सिंधु बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन की वजह से सीमा पार आने-जाने वालों को काफी परेशानी हो रही है. दूसरे राज्यों से दिल्ली आने वाले लोग बॉर्डर बंद होने से काफी परेशान हैं. उन्हें काफी दूर तक पैदल आना पड़ रहा है. बॉर्डर पार करने वाले यात्रियों का कहना है कि उन्हें ब्लॉकेड की वजह से कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ रहा है.
इस बीच सिंधु बॉर्डर पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है. सिंधु बॉर्डर पर बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है. सरकार प्रदर्शनकारी किसानों से कह रही है कि वे यहां से उठकर बुराड़ी जाए, जहां उनसे बात की जाएगी, लेकिन प्रदर्शनकारी किसान मानने को तैयार नहीं है.
कृषि कानूनों के खिलाफ गाजियाबाद-दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन जारी है. भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि प्रदर्शन तो रामलीला मैदान में होता है, तो हमें निरंकारी मैदान क्यों भेजा जा रहा है, जो कि एक निजी संस्था है. राकेश टिकैत ने कहा कि हमलोग आज यहीं रहेंगे.