खेती कानून ; दिल्ली कूच के बावजूद बरनाला मोर्चों में बढ़ा जलसा

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नीरज मंगला बरनाला :
मोदी सरकार के तीन खेती विरोधी कानूनों, पराळी आर्डीनैंस और बिजली संशोधन छेद -2020 ख़िलाफ़ 30 किसान जत्थेबंदियाँ की तरफ से रेलवे स्टेशन बरनाला की पार्किंग में शुरू किये सांझे किसान संघर्ष के वें दिन मौसम की ख़राबी और दिल्ली कूच के लिए निकले किसानों के बावजूद बड़ी संख्या जुझारू किसान मर्द औरतें और मज़दूर -मुलाजिमों ने आज का संघर्षी अहाता कब्ज़ा कर कर मोदी सरकार विरुद्ध सांझी रोहली आवाज़ बुलंद की। आज के दिन मोदी सरकार की तरफ से जारी रहे कामगार कामगारों विरोधी आरडीनैंसें ख़िलाफ़ मज़दूर जमात का तीखा गुस्सा भी देखने को मिला।

बड़ी संख्या में मज़दूर -मुलाज़ीम एक रोज़ा सफल हड़ताल करन के बाद पके मोर्चो में शामिल हुए और इक्कजुटता का दिखावा किया। आज के वक्तों में शामिल बलवंत सिंह उप्पली, गुरचरन सिंह, करनैल सिंह गांधी, दर्शन सिंह सहजड़ा, अमरजीत कौर, परमजीत कौर जोधपुर, गुरमेल शर्मा, दर्शन सिंह आदि ने बताया कि आज बरनाला जिले में से हज़ारों की तादाद में संघर्षशील किसान मर्द औरतें काफ़िलों ने सैंकड़ों की संख्या में ट्रालियाँ ट्रैक्टरों राशन, पानी, दवाएँ, सोने वग़ैरा का समूचा प्रबंध करके दिल्ली की तरफ कूच कर दिया है। गुरप्रीत रूड़ेके, भोला सिंह कलालमाजरा, खुशिया सिंह ते लाल सिंह धनौला आदि मज़दूर नेताओं ने मुल्क की कामगार जमात पर मोदी हल्ले को ललकारते कहा कि मुल्क भर के किसानों -मज़दूरों की सांझी जंग की लड़ाई दिल्ली के तख़्त के साथ है।
इसी तरह रिलायंस माल, डीमारट, आधार मार्केट, ऐसार पैट्रोल पंप बरनाला में भी धरने जारी रहे। इनें संघर्षी स्थानों पर मेजर सिंह संघेड़ा, जसवंत सिंह, बलवीर सिंह, भोला सिंह, भाग सिंह, बलदेव सिंह, सोहण सिंह, नरिन्दरपाल, परमजीतकौर, ज़ोरा सिंह बेकार आदि नेताओं संबोधन करते कहा कि लोग मन अंदर मोदी सरकार की जन विरोधी नीतियाँ ख़िलाफ़ ओर और ज्यादा उबाले खा रहा है।

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