नई दिल्ली । कोर्ट ने बुधवार को कांग्रेस के पूर्व सांसद सज्जन कुमार को 1984 के सिख विरोधी दंगों के दौरान एक व्यक्ति की हत्या के मामले में संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया। इसके बाद शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने इस पूरे घटनाक्रम के लिए सरकारों को जिम्मेदार ठहराया है। वहीं जांच एजेंसियों पर सही से जांच न करने के आरोप भी लगाए।
विशेष न्यायाधीश गीतंजली गोयल ने 2 अन्य आरोपियों- वेद प्रकाश पियाल और ब्रह्मानंद गुप्ता को भी यह कहते हुए बरी कर दिया कि प्रोसिक्यूशन उनके खिलाफ हत्या और दंगे का मामला साबित करने में विफल रहा।
SGPC ने जताया रोष
SGPC ने कहा- 1984 सिख नरसंहार के आरोपी कांग्रेस नेता सज्जन कुमार (पहले से ही सिख नरसंहार के एक अन्य मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं) को सुल्तानपुरी हत्याकांड में बरी किया जाना पीड़ित परिवारों और लगभग 40 वर्षों से न्याय की मांग कर रहे सिख समुदाय के लिए बहुत दर्दनाक है। यह 1984 के सिख नरसंहार के आरोपियों को दंडित करने में सरकारों की विफलता और अपर्याप्त प्रोसीक्यूशन का प्रमाण है, जबकि विश्वसनीय सबूत और गवाह मौजूद हैं।
इससे पहले कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर को भी ऐसे ही मामले में जमानत दी गई थी। जांच एजेंसियां सही जांच नहीं कर रही हैं और सिखों का देश की न्याय व्यवस्था से भरोसा उठता जा रहा है। शायद जानबूझकर इस देश में सिखों को न्याय नहीं दिया जा रहा है। सजा पूरी कर चुके बंदी सिखों को भी जेलों से रिहा नहीं किया जा रहा है और अगर सिख उनके लिए आवाज उठाते हैं तो उन्हें देशद्रोही करार दिया जाता है। SGPC इस मामले में हर संभव कानूनी सहायता प्रदान करेगी।