बठिंडा के अस्‍पताल पर बड़ा आरोप- थैलेसीमिया पीडि़त बच्चे को चढ़ा दिया HIV संक्रमित का खून

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बठिंडा, [धीरज गर्ग ] शहर के सिविल अस्पताल पर बेहद गंभीर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। आरोप है कि थैलेसीमिया से पीडि़त 11 साल के बच्चे को एचआइवी संक्रमित का खून चढ़ा दिया गया है। यहां दो माह में तीसरी बार ऐसी गंभीर लापरवाही हुई है। पीडि़त परिवार ने सिविल सर्जन को शिकायत देकर चीफ मेडिकल आफिसर (सीएमओ) से जांच की मांग की है। बठिंडा का यह बच्चा जन्म से ही थैलेसीमिया से पीडि़त है।

बठिंडा सिविल अस्पताल में दो माह के अंदर तीसरी बार बड़ी लापरवाही

पहले वर्ष उसका इलाज पीजीआइ में हुआ। उसके बाद दस साल से बठिंडा सिविल अस्पताल में हर पंद्रह दिन बाद उसका खून बदला जाता है। सात नवंबर को बच्चे के परिवार के लोग उसे सिविल अस्पताल लेकर आए थे। परिवार के अनुसार ब्लड चढ़ाते समय ब्लड बैंक का एक कर्मी वहां आया और बच्चे के खून का सैंपल लेकर गया, जबकि इससे पहले जब भी कोई टेस्ट करना होता था, तो उनसे पूछ कर सैंपल लिया जाता था। बच्चे की मां ने बताया कि जिस समय सैंपल लिया गया वह वहां मौजूद नहीं थी।

पहले भी दो मरीजों के साथ लापरवाही, पीडि़त परिवार ने सीएमओ से की जांच की मांग

परिवार वालों के अनुसार, बाद में अस्पताल के स्टाफ ने बताया कि ब्लड बैंक का कर्मी सैंपल लेकर गया है। उन्होंने यह नहीं बताया कि सैंपल किस टेस्ट के लिए लिया गया। हालांकि, उस दिन डाक्टर ने कोई टेस्ट नहीं लिखा था। उन्होंने आरोप लगाया कि स्टाफ ने पुरानी पर्ची फाड़ कर हाथ से नई पर्ची बना कर उसमें एचआइवी सहित अन्य टेस्ट लिख दिए। इसके बाद ब्लड बैंक के अधिकारियों ने बताया कि उनका बेटा एचआइवी पाजिटिव है। पीडि़त बच्चे के चाचा ने बताया कि बुधवार को सिविल सर्जन को शिकायत दी गई है। इसकी जांच करवाई जाए। उन्हें शक है कि उसके भतीजे को यहां एचआइवी संक्रमित खून चढ़ा दिया गया है।

जांच के लिए कमेटी बनाई

एसएमओ डा. मनिंदर सिंह ने कहा कि जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर दी है। इस कमेटी में डा. गुरमेल सिंह, डा. मनिंदर सिंह व डा. सतीश को शामिल किया गया है। यह एक-दो दिन में रिपोर्ट दे देगी। इसके बाद कार्रवाई की जाएगी। ब्लड ट्रांसफ्यूजन आफिसर डा. मयंक ने कहा कि जांच रिपोर्ट से पहले कुछ नहीं कहा जा सकता। डिप्टी कमिश्नर बी. श्रीनिवासन ने कहा कि वह सेहत विभाग से रिपोर्ट तलब करेंगे।

पहले भी हुई लापरवाही

अक्टूबर में भी दो मरीजों को संक्रमित खून चढ़ा दिया गया था। इस मामले में लैब तकनीशियन पर हत्या के प्रयास का केस दर्ज हुआ था। आरोपित हवालात में है। इसके अलावा ब्लड ट्रांसफ्यूजन आफिसर व एक अन्य लैब तकनीशियन के खिलाफ जांच चल रही है।

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