मलखाना से 12 लाइसेंसी हथियार और 7 लाख रुपये की ड्रग मनी गायब, मुंशी के खिलाफ प्राथमिकी

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बठिंडा : दयालपुरा थाने के मलखाना से 12 लाइसेंसी हथियार सात लाख रुपये की नशीली दवा और सैकड़ों सरकारी कारतूस गायब होने के मामले में सात महीने की जांच के बाद आखिरकार बठिंडा पुलिस ने तत्कालीन मुंशी और हेड कांस्टेबल को गिरफ्तार कर लिया. दयालपुरा थानाध्यक्ष संदीप सिंह को दोषी करार दिया गया है. आईपीसी की धारा 409 के तहत मामला दर्ज किया गया है। मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी की जांच रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने यह प्राथमिकी दर्ज की है. हालांकि आरोपी मुंशी संदीप सिंह फरार है, जिसे विभाग द्वारा पहले ही निलंबित किया जा चुका है, लेकिन रविवार को प्राथमिकी दर्ज कर पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के प्रयास शुरू कर दिये हैं. एसएसपी जे इलांचेजियान ने इस मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि आरोपी मुंशी संदीप सिंह के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है. पुलिस की टीमें उसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही हैं। आपको बता दें कि थाने से हथियार गायब होने का मामला सामने आने के बाद से उक्त मुंशी ड्यूटी से गैरहाजिर है. मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी ने शनिवार को अपनी जांच रिपोर्ट एसएसपी को सौंप दी। उक्त रिपोर्ट के आधार पर एसएसपी के आदेश पर रविवार को दयालपुरा थाने में आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.

ज्ञात हो कि दयालपुरा थाने के मालखाना से हथियारों के गायब होने का पता तब चला जब सीआईए-1 द्वारा 27 मई 2022 को पकड़े गए एक नशा तस्कर के पास से दयालपुरा थाने की केस संपत्ति में तमंचा बरामद किया गया, जिसके बाद जब यह जब मामले की जानकारी बारूद के मालिक प्रीतम सिंह को हुई तो उन्होंने मामले की शिकायत पुलिस विभाग के उच्चाधिकारियों से की. पुलिस अधिकारियों द्वारा गठित एसआईटी ने मालखाना में रखे कारतूस व अन्य सामान की जांच की तो करीब 12 हथियार, 2 हजार कारतूस, 7 लाख रुपये से अधिक की ड्रग मनी गायब मिली। तत्कालीन मुंशी संदीप सिंह को निलंबित कर दिया गया था। निलंबन के बाद एसआईटी ने मुंशी संदीप सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की अनुशंसा की है। गौरतलब है कि एक नशा तस्कर से प्रीतम सिंह का कारतूस मिलने के बाद इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि थाने के गोदाम से गायब हुए कारतूस को मुंशी संदीप सिंह ने बेच दिया है. सबसे खास बात यह है कि अगर सीआईए को 27 मई को मादक पदार्थ तस्कर के पास से पिस्टल नहीं मिली होती तो थाने से बड़ी मात्रा में हथियार, नशीला पैसा और कारतूस गायब होने का पता नहीं चल पाता.

उक्त मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी द्वारा की गई जांच के बाद पता चला कि थाने के गोदाम से करीब 12 हथियार गायब हैं. जांच के बाद यह भी पता चला है कि नशा तस्करी के मामलों में बरामद 7 लाख 20 हजार रुपये की ड्रग मनी भी गायब है. अब तक की पड़ताल में संदीप सिंह जो उस वक्त मुंशी था, वह इस पूरे खेल का मास्टरमाइंड है.

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