बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि उनकी पार्टी 5 राज्यों में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव अकेले लड़ेगी। विपक्षी दलों के I.N.D.I.A. गठबंधन की मुंबई बैठक से एक दिन पहले इस ऐलान से साफ हो गया है कि बसपा विपक्षी गठबंधन का हिस्सा नहीं बनेगी। इससे पहले कयास लगाए जा रहे थे कि विपक्षी नेताओं ने मायावती से गठबंधन में शामिल होने के लिए संपर्क किया था।
मायावती ने बुधवार को सोशल मीडिया पर इस फैसले की जानकारी दी। उन्होंने लिखा- NDA और I.N.D.I.A गठबंधन अधिकतर गरीब-विरोधी, जातिवादी, सांप्रदायिक, धन्नासेठ-समर्थक और पूंजीवादी नीतियों वाली पार्टियां हैं। जिनकी नीतियों के विरुद्ध BSP संघर्ष कर रही है। इसीलिए इनसे गठबंधन करके चुनाव लड़ने का सवाल ही पैदा नहीं होता।
मायावती ने आगे लिखा- BSP विरोधियों के जुगाड़, जोड़तोड़ से ज्यादा समाज के टूटे हुए करोड़ों उपेक्षितों को आपसी भाईचारा के आधार पर जोड़कर उनके गठबंधन से साल 2007 की तरह अकेले आगामी लोकसभा, विधानसभा का आम चुनाव लडे़गी। मीडिया बार-बार भ्रांतियां न फैलाए। इससे पहले 23 अगस्त को भी प्रेस रिलीज के जरिए मायावती ने गठबंधन न करने का ऐलान किया था।
बसपा प्रमुख मायावती ने मंगलवार को इमरान मसूद को पार्टी से बाहर कर दिया। उन पर अनुशासनहीनता का आरोप है। मायावती ने बुधवार को कहा- BSP से निकाले जाने पर सहारनपुर के पूर्व विधायक कांग्रेस और उस पार्टी के शीर्ष नेताओं की प्रशंसा में व्यस्त हैं, जिससे लोगों में यह सवाल स्वाभाविक है कि उन्होंने पहले यह पार्टी छोड़ी क्यों? फिर दूसरी पार्टी में गए ही क्यों? ऐसे लोगों पर जनता कैसे भरोसा करे?
मायावती ने लिखा- वैसे तो BSP से गठबंधन के लिए यहां सभी आतुर हैं, लेकिन ऐसा न करने पर विपक्षी द्वारा खिसयानी बिल्ली खंभा नोचे की तरह भाजपा से मिलीभगत का आरोप लगाते हैं। इनसे मिल जाएं तो सेक्युलर… न मिलें तो भाजपाई। यह घोर अनुचित और अंगूर मिल जाए तो ठीक वरना अंगूर खट्टे हैं, की कहावत जैसी है।