मोहाली से हरियाणा व हिमाचल जाने वाले पढ़ लें ये खबर, किसानों ने बंद किए कई रास्ते

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मोहाली [द अपील न्यूज़ ब्यूरो ]। कृषि बिलों के विरोध में मंगलवार को भारत बंद का मोहाली में पूरा असर देखने को मिला। जिले के आम जन से लेकर, सामाजिक संगठन, कर्मचारी एसोसिएशन, राजनीतिक पार्टियों के नेता सड़कों पर उतरे। जिला मोहाली के अधीन आने वाले गांवों के किसानों ने हाईवे व सड़कों को जाम रखा। जीरकपुर से लालडू तक, खरड़ से कुराली तक, न्यू चंडीगढ़ से हिमाचल बद्दी की ओर जाते राजमार्गों पर किसान व लोग बैठे रहे। जिले में अलग-अलग जगहों पर प्रदर्शन किया गया।

लांडरां रोड़ पर पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुनील जाखड़ धरने में पहुंचे। उन्होंने कृषि बिलों को गलत बताया। जाखड़ ने कहा कि केंद्र अपनी जिद्द और कुछ कारपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए बिल वापस नहीं ले रही। फेज-७ में आयोजित रैली में आनंदपुर साहिब से पूर्व सांसद रहे प्रेम सिंह चंदूमाजरा व अन्य अकाली नेताओं ने रैली को संबोधित किया। वहीं डिप्लास्ट चौंक पर नारी शक्ति सभ्याचारक मंच की ओर से कृषि बिलों के विरोध में प्रदर्शन किया गया। पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड कर्मचारी यूनियन, पंजाब एंड यूटी कर्मचारी यूनियन के अलावा कई संगठनों ने अलग अलग जगहों पर प्रदर्शन किया।

डेराबस्सी, जीरकपुर, खरड़, कुराली में रैलियां

डेराबस्सी, जीरकपुर, खरड़, कुराली में अलग अलग धार्मिक संगठनों की ओर से रैलियां निकाली गई। रैलियों में अलग अगल संगठनों की ओर से केंद्र के खिलाफ नारेबाजी की गई। न्यू चंडीगढ़, एयरपोर्ट रोड़ पर किसान लंबे समय पर धरने पर बैठे रहे। धरने के दौरान आयोजित रैलियों में अलग अलग  कर्मचारी नेताओ की ओर से कृषि बिलों को लेकर अपने विचार रखे गए।

लोगों को परेशानी, बसें रोकी

प्रदर्शन के दौरान किसान सडक़ों पर बैठे रहे। हालांकि किसानों व प्रदर्शन कर रहे लोगों की ओर से इमरजेंसी सेवाओं जैसे की एंबुलेंस आदि को नहीं रोका गया। लेकिन जो बसें हाईवे पर दूसरे जिलों या राज्यों से आ रही थी उन्हें बीच सडक़ में रोक दिया गया। जिस कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा।

वहीं जिले के जीरकपुर में मेडिकल शॉप्स और ढाबों को छोड़कर बंद का पूरा असर देखने को मिला। जीरकपुर चंडीगढ़ दिल्ली नेशनल हाइवे पर स्थित है जिसके चलते जीरकपुर में बनी करीब पांच सौ के करीब दुकानें सुबह से खुली ही नहीं। ढाबों और मेडिकल स्टोर के अलावा जीरकपुर में जूस की इक्का-दुक्का दुकाने ही खुली दिखी। जिन पर आम दिनों की तरह ग्राहकों की कोई भीड़ नहीं थी। जीरकपुर बंद होने के बावजूद भी पंजाब पुलिस के अधिकारी और कर्मचारी सड़क के चप्पे-चप्पे पर तैनात दिखे और जिन भी वाहनों को पुलिस को संदेह दिखता था उसकी भी चैंकिग होती दिखी। इस मौके पर फायर ब्रिगेड की गाड़ियां भी दिखी जो कि हर प्रकार के आपात काल से निपटने के लिए तैयार थी।

सड़कें दिखी खाली

चंडीगढ़ दिल्ली नेशनल हाइवे होने के चलते जीरकपुर में आम दिनों में वाहनो की भारी आवाजाही देखने को मिलती थी लेकिन भी भारत बंद के चलते सडके खाली दिखी। दिल्ली से भी कोई भी लाॅग रूट बस सड़क पर नहीं दिखी जबकि जीरकपुर को पटियाला को जोड़ने वाला हाइवे भी अपेक्षाकृत खाली ही दिखा। इसके साथ ही जीरकपुर से चंडीगढ़ और पंचकूला को आने वाले आॅटो भी सड़कों पर नहीं के बराबर दिखे। वहीं पर कई यात्री सड़कों पर परेशान भी दिखे, क्योंकि बसों के साथ-साथ अन्य पब्लिक वाहन भी सड़कों पर नहीं थे।

कामगार रहे परेशान

जीकरपुर की दुकानें और अन्य बड़े संस्थान बंद होने के चलते उनमें काम करने वाले कामगार परेशान दिखे। दुकानों पर काम करने वाले रामदीन और दिनेश ने बताया कि कामगारों के अनुसार दिहाड़ी लगाकर रोज की रोटी जुटाते थे लेकिन आज काम पूरी तरह से बंद है। पहले कोरोना की वजह से काम बंद था और अब किसान आंदोलन के चलते बंद है। ऐसे में रोटी जुटाना मुश्किल हो रहा है।

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