जम्मू

नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) प्रमुख फारूख अब्दुल्ला ने बीते सात महीने से हिरासत में रखे गए अपने बेटे उमर अब्दुल्ला से श्रीनगर की उप जेल में मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेता भावुक नजर आए। पूर्व मुख्य मंत्री फारूख जनसुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत अपनी हिरासत खत्म होने के बाद शुक्रवार अपने आवास से नजदीक में ही हरि निवास पहुंचे जहां उनके बेटे तथा राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को पीएसए के तहत पांच फरवरी से नजरबंद करके रखा गया है। इस दौरान दोनों नेताओं ने एक दूसरे को गले लगा लिया।

अधिकारियों ने कहा कि फारूख (82) ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन से सात महीने बाद अपने बेटे से मुलाकात का अनुरोध किया था, जिसे प्रशासन ने स्वीकार कर लिया। अधिकारियों ने कहा कि दोनों की मुलाकात करीब एक घंटे चली। गौरतलब है कि केन्द्र सरकार ने पिछले साल पांच अगस्त को तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य से विशेष दर्जा वापस ले लिया था, जिसके बाद फारूख अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और एक और मुख्यमंत्री एवं पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को हिरासत में ले लिया गया था। इसके बाद 15 सितंबर को फारूक के खिलाफ पीएसए के तहत मामला दर्ज किया गया जबकि उनके बेटे उमर की ऐहतियातन हिरासत पांच फरवरी को खत्म हो रही थी लेकिन उससे कुछ ही घंटे पहले इसे छह महीने के लिये बढ़ा दिया गया था।

आज मैं आजाद हूं, लेकिन यह आजादी पूर्ण नहीं है: अब्दुल्ला

रिहाई के तत्काल बाद अब्दुल्ला यहां गुपकार रोड स्थित अपने आवास से बाहर निकले। उन्होंने कहा कि उनके बेटे एवं पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती तथा केन्द्र शासित क्षेत्र के अन्य जेलों में बंद नेताओं को तत्काल रिहा किया जाए। अब्दुल्ला ने अपने आवास के लॉन में संवाददाताओं से कहा, आज मैं आजाद हूं, लेकिन यह आजादी पूर्ण नहीं है। यह तभी पूरी होगी जब उमर, महबूबा मुफ्ती तथा जेलों में बंद अन्य नेताओं को रिहा किया जाएगा।

केंद्र शासित क्षेत्र के गृह सचिव शालीन काबरा के आदेश के मुताबिक श्रीनगर के जिलाधिकारी द्वारा 15 सितम्बर को जारी पीएसए और फिर 13 दिसम्बर को इसकी अवधि तीन महीने के लिए बढ़ाए जाने को समाप्त कर दिया गया है। अब्दुल्ला को पीएसए के तहत हिरासत में लिया गया था। इस कानून के तहत प्रशासन किसी व्यक्ति को सुनवाई के बगैर तीन महीने तक हिरासत में रख सकता है। इसे दो वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है। अधिकारियों ने बताया कि जिलाधिकारी शाहिद इकबाल चौधरी अब्दुल्ला के आवास पर गए और रिहाई का आदेश उन्हें सौंपा। वह पहले पूर्व मुख्यमंत्री हैं, जिनके खिलाफ पीएसए लगाया गया था। फारूख ने कहा कि मैं हर उस व्यक्ति का आभार व्यक्त करता हूं, जिन्होंने हमारे लिए प्रार्थनाए कीं….शेष लोगों के रिहा होने तक मैं किसी राजनीतिक मामले पर बात नहीं करूंगा। रिहाई के बाद अब्दुल्ला यहां हजरतबल में डल झील के किनारे बनी अपने पिता शेख अब्दुल्ला की कब्र पर गए। इस दौरान उन्होंने काला कुर्ता पहना हुआ था और पारंपरिक काराकुली टोपी पहनी थी। इसके अलावा आंखों पर काला चश्मा था। पिता की कब्रगाह पर वह थोड़ी देर ठहरे। इस दौरान उनकी पत्नी मौली अब्दुल्ला, बेटी सफिया और पौत्र अदीम सहित परिवार के अन्य सदस्य उनके साथ थे। उन्होंने उम्मीद जताई कि वह संसद सत्र में शामिल होंगे, ताकि लोगों की आवाज उठा सकें। अब्दुल्ला की रिहाई के ठीक बाद उनकी पार्टी नेशनल कांफ्रेंस ने निर्णय का स्वागत करते हुए शुक्रवार को बयान जारी करके केन्द्र शासित क्षेत्र के प्रशासन से उमर अब्दुल्ला सहित अन्य नेताओं को शीघ्र रिहा करने की अपील की।

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