नीरज मंगला बरनाला
पंजाबी यूनिवर्सिटी कालेज ढिल्लवां में धर्म अध्ययन विभाग की तरफ से पंजाब सरकार के दिसा -निरदेशें अनुसार, “गुरू तेग़ बहादुर जी: जीवन -संदेश और योगदान विे पर राशटरी वैबीनार करवाया गया। वैबीनार कोआरडीनेटर डा. जसवंत सिंह बुग्गरों ने शुरूआती शबदों में बताया कि ढिल्लवां वह धर्मज्ञ धरती है जहाँ गुरू तेग़ बहादुर जी कुछ दिन रहे, गऊयों का दान किया। डा. राकेश जिन्दल, प्रिंसिपल यूनिवर्सिटी कालेज बरनाला ने स्वागत करते कालेज की प्राप्तियों बारे बताया। डा. जगरूप कौर, डीन कालेज विकास कौंसिल पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला ने अपने उद्घाटनी संबोधन में कहा कि जिन मानवीय अधिकारों, समानता, आदि की व्यवस्था हमारे संविधान में से गई है, गुरू तेग़ बहादुर जी ने वह बहुत समय पहले नशेबाज़ रूप में शुरू कर दी थी।
वैबीनार के वक्ते डा. सरबजीत सिंह रेणुका, पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी लुधियाना ने अपने लैक्चर दौरान मानव को नाकारातमिक� सोच, झूठी प्रीत, धोखा, ईर्ष्या, नफ़रत, मन की चंचलता और भटकन से बचने के लिए गुरू तेग़ बहादुर जी की वाणी को जीवन -आधार बनाने के लिए कहा। वक्ते डा गुरवीर सिंह, प्रिंसिपल माता साहब कौर गर्लज़ कालेज औरत ने अपने संबोधन में गुरू तेग़ बहादुर जी के जीवन -वृतांत, शिक्षाएं, यात्राओं बारे भावपूरत विचार पेश किये। वैबीनार की अध्यक्षीय करते डा. परमवीर सिंह, प्रमुख सीख विशवकोश विभाग पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला ने कहा कि गुरू तेग़ बहादुर जी का संदेश समुच्चय मानवता के लिए है और उन की शहादत मानवीय अधिकारों, धार्मिक स्वतंत्रता और अनेकता में एकता की स्थापति के लिए दुनिया के लिए प्रेरणा -स्रोत है। डा. सन्दीप गुप्ता ने समूह वक्तों, श्रोते, प्रबंधकों का धन्यवाद किया। वैबीनार संचालन की भूमिका डा. जसवंत सिंह बुग्गरों ने निभाई।
इस मौके डा. गुरजिन्दर सिंह, डा भुपिन्दरपाल सिंह, डा. बेअंत सिंह, डा बरज़ेश पाठक, डा कमलजीत कौर, पिरो सन्दीप सिंह मान, पिरो जोनी लाल, पिरो जसविन्दर सिंह, पिरो हरदीप सिंह, पिरो गुरप्रीत सिंह, पिरो देव करन, पिरो अमरजीत सिंह, पिरो गुरप्रीत कौर, पिरो स्वर्न कौर, पिरो अमनदीप कौर, पिरो गुरप्रीत कौर अंग्रेज़ी, पिरो अमन कौर, पिरो सुखपाल कौर, जसवीर सिंह, हरदीप सिंह, अमृत, समूह विद्यार्थी उपस्थित थे।