शिमला । हिंदुस्तान-तिब्बत बॉर्डर को जोड़ने वाला नेशनल हाईवे-5 किन्नौर के निगुलसरी में 7 दिन से बंद पड़ा है। ट्राइबल जिला किन्नौर में इससे पेट्रोल-डीजल के साथ कुछ जरूरी सामान की भी किल्लत होनी शुरू हो गई है। इसे देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने गाड़ियों में तेल भरवाने की मात्रा तय कर दी है।
प्रशासन ने ट्रक के लिए 80 लीटर, जीप के लिए 10 लीटर, कार के लिए 5 लीटर, मोटरसाइकिल के लिए 2 लीटर और स्कूल बस को 10 लीटर तेल उपलब्ध करवाने के आदेश जारी किए हैं। एक हफ्ते से हाईवे बंद होने से स्थानीय लोगों, किसानों-बागवानों के साथ पर्यटन कारोबारी भी परेशान है, क्योंकि किन्नौर के लिए देशभर से पर्यटक पहुंचते हैं।
चिंता इस बात की है कि दिन-रात काम होने के बावजूद अगले दो-तीन दिन हाईवे के जल्द बहाल होने की कम उम्मीद है। मौके पर बार-बार बड़ी-बड़ी चट्टानें गिर रही है। इससे सड़क बहाली के काम में बाधा उत्पन्न हो रही है।
NH बंद होने से लोग परेशान है। इनका देश-दुनिया से संपर्क कटा हुआ है। राहत की बात यह है कि मटर और सेब की फसल को निगुलसरी से निकालने के लिए स्पेन लगा दिया गया है। इसके जरिए निगुलसरी में लैंडस्लाइड से ब्लॉक हुए पॉइंट से मटर और सेब की फसल को छोटा कंबा पुल तक पहुंचाया जा रहा है। छोटा कंबा से ट्रकों में सेब व मटर को देश की मंडियों में भेजा जा रहा है।
निगुलसरी में बीते बुधवार रात को हाईवे का लगभग 400 मीटर हिस्सा धंस गया है। इसकी चपेट में सेब से लदे ट्रक व पिकअप भी आए थे। तब से हाईवे वाहनों के लिए बंद पड़ा है। प्रशासन सड़क की बहाली में दिन-रात जुटा हुआ है। मगर पहाड़ी के टूटने की वजह से इसमें बाधा उत्पन्न हो रही है।