नई दिल्ली
निर्भया के चार में से तीन दोषियों के सभी कानूनी विकल्प खत्म होने के बाद तिहाड़ प्रशासन गुरुवार को पटियाला हाउस कोर्ट पहुंचा। जेल प्रशासन ने दोषियों के लिए नया डेथ वारंट जारी करने का अनुरोध किया है। जेल प्रशासन की याचिका पर कोर्ट ने दोषियों समेत सभी संबंधित पक्षों से उनकी राय मांगी है और शुक्रवार को इस पर सुनवाई की तारीख तय की है।
निर्भया के चारों दोषियों को एक साथ फांसी पर लटकाया जाएगा। दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को दोषियों को जल्द फांसी पर लटकाने की केंद्र सरकार व दिल्ली सरकार की याचिका को खारिज करते हुए कहा, दोषियों को अलग अलग नहीं, बल्कि एक साथ ही फांसी दी जाएगी।
Nirbhaya Case: Court of additional sessions Judge Dharmendra Rana has sought response of all respondents including convicts and fixed the hearing for tomorrow https://t.co/WuwsPAbxD4
— ANI (@ANI) February 6, 2020
कोर्ट ने दोषियों को सात दिन के भीतर उपलब्ध विकल्पों का इस्तेमाल करने का निर्देश दिया। इसके बाद डेथ वारंट जारी करने की प्रक्रिया शुरू होगी। साथ ही कोर्ट ने 2017 में सुप्रीम कोर्ट से दोषियों की अपील खारिज होने के बाद डेथ वारंट जारी करने के लिए कदम नहीं उठाने को लेकर संबंधित अधिकारियों को भी फटकार लगाई।
जस्टिस सुरेश कुमार कैत ने अपने फैसले में कहा, जेल मैनुअल के नियम 834 और 836 के मुताबिक अगर एक ही मामले में एक से ज्यादा सजा पाए दोषियों की याचिका लंबित रहती है तो फांसी टल जाती है।
ट्रायल कोर्ट ने सभी को एक साथ दोषी ठहराया था। उनका अपराध बेहद क्रूर और जघन्य था। इसका समाज पर गहरा प्रभाव पड़ा, लेकिन संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत कुछ कानूनी उपाय उनको भी मिले हैं, जिनका उन्होंने इस्तेमाल किया। इससे पहले, उन्होंने तीन घंटे की सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।
केंद्र और दिल्ली सरकार ने ट्रायल कोर्ट के 31 जनवरी के फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें कोर्ट ने दोषी मुकेश कुमार सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय कुमार शर्मा (26) और अक्षय कुमार की फांसी पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी। अक्षय, मुकेश और विनय की दया याचिका खारिज हो चुकी है, जबकि पवन ने अभी इसे दायर नहीं किया है।