नई दिल्ली

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा कश्मीर मुद्दे को फिर से उठाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता, रवीश कुमार ने कहा कि कश्मीर मुद्दे पर किसी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता पर हमारी स्थिति बहुत स्पष्ट रही है। हम फिर से साफ करना चाहते हैं कि इस मामले में किसी भी तीसरी पक्ष को दखल देने की जरूरत नहीं।

रवीश कुमार ने कहा कि अगर भारत और पाकिस्तान के बीच कोई द्विपक्षीय मुद्दे हैं, जिन पर चर्चा करने की आवश्यकता है, तो इसे शिमला समझौते और लाहौर घोषणा के प्रावधानों के तहत ही दोनों देश करेंगे। लेकिन ऐसा करने से पहले पाकिस्तान को अनुकूल माहौल बनाना पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान भारत के साथ शांतिपूर्ण संबंध चाहता है तो उसे इसके लिए अनुकूल माहौल बनाना पड़ेगा। आतंकी संगठनों के खिलाफ पाकिस्तान ऐक्शन क्यों नहीं ले पा रहा है। हमें हमेशा लगता है कि वो अंतरराष्ट्रीय बिरादरी को बरगलाने के लिए इस तरह का बयान दे रहा है। पाकिस्तान को इस तरह की बयानबाजी से बाज आना चाहिए।

बता दें कि इमरान ने बुधवार को दावोस मे कहा था कि भारत के साथ रिश्ते ठीक होने के बाद दुनिया को पाकिस्तान की आर्थिक क्षमता का पता चलेगा। पुराना राग अलापते हुए इमरान ने फिर कहा कि उनका देश भारत के साथ सभी मुद्दों को बातचीत के जरिए सुलझाना चाहता है।

रविश कुमार ने कहा कि पेरिस में 16 फरवरी से एफएटीएफ की बैठक होने जा रही है। हमें लगता है कि एफएटीएफ पाकिस्तान द्वार आतंकवाद पर उठाए गए कदमों को देखेगा। पिछले प्लेनरी मीटिंग में एफएटीएफ ने पाकिस्तान को लेकर बड़ी चिंता जताई थी। पाकिस्तान जिस तरह से आतंकवाद को फाइनंस कर रहा है वो चिंता का विषय है। अब एफएटीएफ के सदस्यों को देखना है कि इमरान सरकार ने इसे बंद करने के लिए क्या किया है।

करोना वायरस को लेकर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रविश कुमार ने कहा कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और चीन में हमारे वाणिज्य दूतावास द्वारा एडवाइजरी जारी की गई है। चीन से आने वाले लोगों को हवाई अड्डों पर स्क्रीनिंग प्रक्रिया से गुजरना होगा।

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