एचआईवी एड्स पीड़ित मरीज को अब महीने में एक ही बार लेनी होगी दवा

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चंडीगढ़

एचआईवी एड्स पेशेंट को सेहतमंद रहने के लिए रोजाना दवा खानी होती है। एक दवा मिस करने का अर्थ है बीमारियों का खतरा बढ़ना और वायरस का वापस लौटना। इसका हल निकला है एक इंजेक्शन के जरिए। पूरे महीने की दवा एक ही डोज में संभव होगी। इस इंजेक्टेबल दवा में नैनो बेस डिजाइन का उपयोग है। पहले एक महीने और फिर तीन महीने की दवा को इंजेक्ट करना संभव होगा। यह बहुमूल्य जानकारी यूनिवर्सिटी ऑफ वाॅशिंगटन से आए डॉ. रॉडनी जेवाई ने प्रदान की।

डॉ. रॉडनी ने बताया कि डब्ल्यूएचओ भारत और बहुत से लो इनकम देशों में एचआईवी पीड़ितों की मदद करना चाहते हैं। एचआईवी की बेस्ट क्वालिटी मेडिसन फिलहाल 3 हजार डॉलर की आती है। भारत और उसके जैसे विकासशील देशों के लिए इसे 70 डॉलर प्रति वर्ष तक में तैयार करना है। वे इस दवा को एड्स पीड़ित मरीजों पर परख चुके हैं और भारत में ट्रायल करने वाले हैं। एक महीने की पिल्स को एक इंजेक्शन प्रति माह और फिर तीन महीने प्रति माह के लिए बनाने के लिए नैनो करियर बेस डिजाइन तैयार किया है। 30 पिल्स तक का असर इसमें रहेगा। इस इंजेक्टेबल दवा की खासियत ये है कि ये सिर्फ एचआईवी पीड़ित सेल पर ही असर करेगी। स्वस्थ सेल को कोई नुकसान नहीं होगा। इसमें उनके साथ भारत की कंपनी भी काम कर रही है।

प्राइमरी टेस्टिंग रही सफल
डॉ. रॉडनी ने बताया कि उन्होंने भारत की एचआईवी पीड़ित महिलाओं से भी मुलाकात की है, ताकि उनकी राय के अनुसार ही दवा की डिजाइनिंग हो। अब तक प्राइमरी टेस्टिंग सफल रही है। अब भारत में इसे टेस्ट करेंगे। यहां पर तीन से चार साल तक टेस्टिंग के बाद इसे रिलीज करेंगे

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